थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या करना होता है। (सौ. Freepik)
Comprehensive Insurance for Car: भारत में सड़क पर कोई भी वाहन चलाने के लिए Third-Party इंश्योरेंस का होना कानूनी रूप से अनिवार्य है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 146 के तहत बिना थर्ड पार्टी बीमा के वाहन चलाना दंडनीय अपराध माना जाता है। लेकिन आखिर यह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है क्या और यह क्यों इतना जरूरी है? आइए समझते हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ऐसी बीमा पॉलिसी है जिसमें दुर्घटना होने की स्थिति में क्लेम वाहन मालिक को नहीं बल्कि सामने वाले व्यक्ति को मिलता है। यानी यदि आपकी गाड़ी से किसी दूसरे व्यक्ति, उसकी संपत्ति या उसके वाहन को नुकसान पहुंचता है, तो उस नुकसान की भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी करती है।
उदाहरण के तौर पर यदि आपकी कार किसी दूसरी कार से टकरा जाती है, तो उसकी मरम्मत का खर्च या दुर्घटना में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति आपकी बीमा कंपनी सामने वाले वाहन मालिक को देगी।
बिना थर्ड पार्टी बीमा के वाहन चलाना एक गंभीर अपराध है। यदि कोई चालक बिना वैध बीमा पॉलिसी के पकड़ा जाता है, तो ट्रैफिक पुलिस भारी जुर्माना लगा सकती है या 3 महीने तक की जेल की सजा हो सकती है। दोबारा पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई संभव है। गाड़ी कार हो, बाइक हो या स्कूटर, बिना मोटर इंश्योरेंस के उसे सड़क पर चलाना कानूनन गलत है। यदि वाहन खरीदते समय आप इंश्योरेंस लेने से इनकार करते हैं, तो आगे चलकर इसका बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
कानून इसकी अनिवार्यता इसलिए तय करता है क्योंकि दुर्घटना में हुए नुकसान की जिम्मेदारी सीधे वाहन मालिक की होती है। ऐसे में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मालिक को भारी वित्तीय बोझ से बचाता है।
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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस केवल कानून की मांग नहीं है, बल्कि यह हर वाहन चालक के लिए एक सुरक्षा कवच है। यह न केवल दूसरे व्यक्ति के नुकसान की भरपाई करता है बल्कि वाहन मालिक को आर्थिक बोझ से भी बचाता है। इसलिए कोई भी वाहन खरीदते ही सबसे पहले थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना आवश्यक है।