Black tinted film on car glasses. (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: गर्मियों का मौसम दस्तक दे चुका है, और इस दौरान कार चालक तेज धूप से बचने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं। कुछ लोग टेम्पररी कार शेड का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ पर्दे लगाकर धूप से बचाव करते हैं। वहीं, कई कार मालिक ब्लैक टिंटेड फिल्म लगवाना पसंद करते हैं, जिससे कार का इंटीरियर ठंडा बना रहे और निजता भी बनी रहे। लेकिन क्या ब्लैक टिंट फिल्म लगवाना ट्रैफिक नियमों के तहत सही है या गैरकानूनी? आइए जानते हैं इस बारे में पूरी जानकारी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला (2012):
भारत में सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था।
नियम का उद्देश्य:
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य वाहनों की पारदर्शिता बढ़ाकर अपराधों पर लगाम लगाना था। कई बार गहरे रंग की फिल्म का उपयोग अवैध गतिविधियों को छुपाने के लिए किया जाता है, जिससे पुलिस और प्रशासन को जांच में दिक्कत होती है।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम:
फायदे:
नुकसान:
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अगर आपको कार शीशों पर फिल्म लगाने से जुड़े कानूनों की विस्तृत जानकारी चाहिए, तो आप:
हालांकि ब्लैक टिंटेड फिल्म कार के इंटीरियर को ठंडा रखने और प्राइवेसी बढ़ाने में मददगार हो सकती है, लेकिन भारतीय कानून इसे पूरी तरह प्रतिबंधित करता है। यदि आप नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको चालान और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी तरह की टिंटेड फिल्म लगाने से पहले सही जानकारी अवश्य प्राप्त करें।