ऑटो सेक्टर में क्या होगा खास। (सौ. Nissan)
जापान की दो दिग्गज ऑटो कंपनियों — होंडा मोटर्स और निसान मोटर्स — के बीच प्रस्तावित विलय अब रद्द हो चुका है। दिसंबर 2024 में दोनों कंपनियों ने मर्जर के लिए एमओयू साइन किया था, लेकिन कुछ बुनियादी मतभेदों के चलते फरवरी 2025 में यह डील टूट गई। अब इस समीकरण में एक नया मोड़ आया है, क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी टोयोटा मोटर्स ने निसान से हाथ मिलाने की पहल की है।
जापान के प्रतिष्ठित अखबार मैनिची शिमबन की रिपोर्ट के अनुसार, होंडा और निसान के बीच मर्जर की बातचीत अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। इस स्थिति में टोयोटा ने निसान से कुछ अहम बिंदुओं पर साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि अब तक दोनों कंपनियों की ओर से इस बातचीत को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
होंडा और निसान की मर्जर डील टूटने की सबसे बड़ी वजह यह रही कि निसान, होंडा की सब्सिडियरी बनने को तैयार नहीं थी। इस असहमति ने ही इस बड़े विलय को बीच रास्ते में रोक दिया। इसके बावजूद दोनों कंपनियां अभी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के विकास और उनके लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रही हैं।
टोयोटा मोटर्स पिछले पांच सालों से दुनिया की नंबर-1 कार कंपनी बनी हुई है। कंपनी की कारें वैश्विक बाजार में सबसे अधिक बिकती हैं। इसके अलावा टोयोटा की जापान की कई अन्य कंपनियों में भी मजबूत हिस्सेदारी है — Subaru (20%), Mazda (5.1%), Suzuki (4.9%) और Isuzu (5.9%) में टोयोटा की हिस्सेदारी है। दूसरी ओर, निसान पहले से ही Renault और Mitsubishi के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप में शामिल है।