इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की पैठ वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 के बीच औसतन 200 बेसिस पॉइंट्स। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की पैठ वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 के बीच औसतन 200 बेसिस पॉइंट्स (bps) सालाना की दर से बढ़ी है। लेकिन, राष्ट्रीय लक्ष्य 2030 तक 30% EV अपनाने के लिए यह दर दोगुनी होकर 380 bps प्रति वर्ष होनी चाहिए। यह जानकारी FICCI-YES बैंक की रिपोर्ट “ड्राइविंग ZEV ट्रांजिशन – फ्रॉम सेंटर टू स्टेट” में दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान विकास दर भारत के महत्वाकांक्षी EV30@30 लक्ष्य को हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसमें राज्य और केंद्र स्तर पर नवीन और आक्रामक नीति हस्तक्षेप की ज़रूरत को रेखांकित किया गया है।
भारत में EV अपनाने में दिल्ली (11.5%), केरल (11.1%) और असम (10%) शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं। हालांकि, FY24 में कुल EV बिक्री का 50% से अधिक सिर्फ पांच राज्यों से आया। गुजरात, ओडिशा, केरल और पंजाब ने FY21 से FY24 के बीच सबसे तेज़ CAGR दर्ज किया।
कई राज्यों की EV नीतियां अब अपनी अवधि के अंत के करीब हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास और नीति निरंतरता खतरे में पड़ सकती है। रिपोर्ट ने 2030 तक इन नीतियों के पुनरावलोकन और नवीनीकरण की सिफारिश की है।
रिपोर्ट ने राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि EV समन्वय एजेंसियां स्थापित करना और नियमित प्रगति समीक्षा करना आवश्यक है।
2030 तक EV अपनाने के लक्ष्य को पाने के लिए राज्यों और केंद्र सरकार के बीच साझा और समयबद्ध प्रयासों की आवश्यकता है। रिपोर्ट ने निष्कर्ष दिया कि नीति, बुनियादी ढांचे और जागरूकता पर लगातार ध्यान केंद्रित करके शून्य-उत्सर्जन वाहनों की ओर भारत का सफल संक्रमण संभव है।
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