EV and hybrid vehicles को लेकर इश राज्य में कीमत कम हो सकती है। (सौ. Freepik)
EV. कर्नाटक सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों और ऑटो कंपनी की कारों पर कटौती करने का फैसला कर लिया है और इस बात की योजना बनाने की पूरी तैयारी में है। राज्य सरकार हाइब्रिड कारों पर लगने वाले टैक्स को काटना चाहती है, जिससे राज्य में स्वच्छ ईंधन वाहनों की बिक्री बढ़ सके और प्रदूषण को कम किया जा सके। यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में हाइब्रिड वाहनों को बढ़ाने के लिए भी उठाया गया है, जिसकी घोषणा इस साल की शुरुआत में केंद्रीय बजट से पहले की गई थी।
कर्नाटक सरकार ने प्रस्ताव दिया है जिसमें खुलासा हुआ है कि राज्य सरकार क्लीन मोबिलिटी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को बना रही है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत में इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के लिए छूट पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, लेकिन हाइब्रिड गाड़ियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। इस कदम से कर्नाटक उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन चुका है, जो इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए टैक्स छूट देना चाहता है।
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इसके साथ ही बता दें कि सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के चलने से राज्य में होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से राहत मिल सकती है। दूसरी ओर कई कंपनियां हैं जो इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का निर्माण करती हैं, जिनमें टोयोटा, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियां शामिल हैं। जिन्हें इस छूट का फायदा मिल सकता है। उनका दावा है कि हाइब्रिड गाड़ियों का आना राज्य और देश के लिए अच्छा होगा।
कर्नाटक सरकार इस समय भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की बिक्री के मामले में तीसरे नंबर पर आ चुकी है। राज्य में स्वच्छ परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 25 लाख रुपए से कम कीमत वाली हाइब्रिड गाड़ियों को सड़क पर लाना चाहती है और उसका पंजीकरण शुल्क मौजूदा 18 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत करने का उनका लक्ष्य है, हालांकि यह लाभ सिर्फ हाइब्रिड कारों को उपलब्ध होगा।