कॉन्सेप्ट फोटो (सौजन्य- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: घरेलू कमर्शियल व्हीकल उद्योग की थोक बिक्री चालू वित्त वर्ष में चार से सात फीसदी तक घटने की आशंका है। पिछले साल के उच्च आधार और मांग में गिरावट से वाहन की थोक बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। एक रिपोर्ट में बिक्री कम होने का अनुमान जताया गया है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने शुक्रवार को रिपोर्ट जारी की है। इक्रा लिमिटेड एक भारतीय स्वतंत्र और पेशेवर निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च आधार प्रभाव और पहले कुछ महीनों में बुनियादी ढांचा गतिविधियों पर लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के प्रभावों को देखते हुए मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों (ट्रकों) की बिक्री में सालाना आधार पर चार से सात फीसदी की गिरावट आ सकती है।
इक्रा ने कहा कि हल्के वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री में वित्त वर्ष 2024-25 में पांच से आठ प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। उच्च आधार प्रभाव, ई-कॉमर्स गतिविधियों में सुस्ती और इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों से बिक्री में गिरावट से ऐसा होने का अनुमान है।
रेटिंग एजेंसी ने घरेलू वाणिज्यिक वाहन उद्योग की तेजी चालू वित्त वर्ष में थम जाने की आशंका जताते हुए कहा कि इसकी थोक बिक्री में चार से सात प्रतिशत की गिरावट आएगी। इक्रा ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में थोक बिक्री में एक प्रतिशत और खुदरा बिक्री में तीन प्रतिशत की धीमी वृद्धि रही थी।
इक्रा रेटिंग्स (ICRA Ratings) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख किंजल शाह ने कहा, “वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 में मात्रा के साथ टन भार के मामले में भी बहुत तेज वृद्धि देखी गई थी। वित्त वर्ष 2023-24 में घरेलू वाणिज्यिक वाहन मात्रा वृद्धि की रफ्तार सुस्त हो गई थी और आम चुनावों के कारण कुछ क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में क्षणिक नरमी के बीच चालू वित्त वर्ष में गिरावट का अनुमान है।”
बताया जा रहा है कि उद्योग के लिए पूंजीगत व्यय और निवेश वित्त वर्ष 2024 में 3,700 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 5,900 करोड़ रुपये होने की संभावना है। मुख्यतः उत्पाद विकास, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और मेंटेनेंस से संबंधित पूंजीगत खर्च के लिए।
(एजेंसी- इनपुट के साथ)