Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

यूनिफॉर्म सिविल कोड : विरोध और पूर्वानुमानों के बीच UCC से इन मामलों पर होगा सीधा असर, जानें कितने बदलेंगे कानून

  • By राहुल गोस्वामी
Updated On: Jul 02, 2023 | 01:09 PM

Pic: Social Media

Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली, देखा जाए तो यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समाज नागरिक संहिता (UCC) लागू होती है तो सभी धर्मों पर इसका कुछ न कुछ असर जरुर होगा।  गौरतलब है कि PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीते मंगलवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code-UCC) की वकालत की थी और कथित तौर पर इसके खिलाफ अल्पसंख्यक समुदायों को भड़काने के लिए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला था। 

देखा जाए तो UCC में सभी धर्मों के लोगों के लिए निजी कानूनों की एक समान संहिता रखने का विचार है। वहीं इस कोड और निजी कानून में विरासत, विवाह, तलाक, बच्चे की अभिरक्षा और गुजारा भत्ता जैसे कई पहलू भी शामिल हैं।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड

दरअसल यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी की UCC का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान ही कानून होना, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। यानी भिन्न धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा ही कानून और उसका अमल।

क्यों है यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरुरत 

UCC जरुरी इसीलिए है, क्योंकि  समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। यानि शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए देश में एक ही कानून लागू होगा। किसी के साथ भी अलग बात नहीं होगी।

क्या हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे

  • इसके लागू होने से सभी समुदाय के लोगो को एक समान अधिकार दिए जायेंगे।
  • UCC से लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
  • UCC लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा।
  • UCC द्वारा कानूनों में सरलता और स्पष्टता आएगी।

भारत में UCC को लेकर क्या है दिक्कत  

एक बड़ी पेशानी है आम सहमति का अभाव, दरअसल समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भारत में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के बीच आम सहमति का अभी भी अभाव है। इससे ऐसे कोड को लागू करना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि इसमें सभी समुदायों की भागीदारी और समर्थन की आवश्यकता होगी। हाल-फिलहाल कुछ राजनीतिक दल इसके समर्थन में आते दिख रहे हैं।

भारत में UCC का विरोध 

हालांकि अधिकांश प्रमुख भारतीय विपक्षी दल समान नागरिक संहिता के खिलाफ हैं, कुछ इसको मानने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन अधिकांध का तर्क है कि UCC अल्पसंख्यक समुदायों के धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा और तर्क देते हैं कि UCC  आवश्यक नहीं है, क्योंकि व्यक्तिगत कानूनों की वर्तमान प्रणाली अच्छी तरह से काम कर रही है।

आम लोगों के जीवन पर पड़ेंगे ‘ये’ ख़ास प्रभाव

वहीं लोगों के सुझावों और लॉ कमीशन की सिफारिश के आधार पर देखा जाए और कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार UCC से आम लोगों पर कुछ इस तरह के प्रभाव पड़ने वाले हैं।

  • शादी की उम्र: UCC में सभी धर्मों की लड़कियों की विवाह योग्य उम्र एक समान करने का बड़ा प्रस्ताव है। वहीँ अभी कई धर्मों के पर्सनल लॉ और कई अनुसूचित जनजातियों में लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से कम है। ऐसे में अगर UCC लागू होता है तो सभी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ जाएगी, जिससे वे विवाह से पहले अपनी पढाई और ग्रेजुएशन पूरा कर सकें।
  • विवाह रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य: अभी तक भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन व कई अन्य धर्मों में रीति-रिवाज से होने वाले विवाह को कानूनन रजिस्टर्ड कराना अभी अनिवार्य नहीं है। अधिकांश लोग तभी रजिस्ट्रेशन कराते हैं, जब उन्हें पति-पत्नी के रूप में विदेश में जाना हो। लेकिन UCC में सुझाव है कि सभी धर्मों में विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इसके बिना कोई भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
  • बहुविवाह पर पाबंदी: वर्तमान परिदृश्य में कई धर्म और समुदाय के पर्सनल लॉ बहुविवाह को भी मान्यता देते हैं। इसमें मुख्यतः मुस्लिम समुदाय में 3 विवाह करने की अनुमति है। UCC के लागू होने पर बहु-विवाह पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
  • हलाला और इद्दत : मुस्लिम पर्सनल लॉ  के अनुसार तलाक के बाद अगर पति-पत्नी फिर से विवाह कर साथ रहना चाहें, तो मुस्लिम महिलाओं को हलाला और इद्दत जैसी जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। लेकिन UCC के सुझावों को अगर कानून बनाकर लागू किया गया तो यह सब खत्म होगा। मुस्लिम महिलाओं को इन कानूनों की बाध्यता नहीं रहेगी।
  • तलाक के नियम: वैसे तो देश में तलाक लेने के लिए पत्नी व पति के बीच कई ऐसे आधार हैं, जो दोनों के लिए काफी अलग-अलग हैं। लेकिन UCC में \पति व पत्नी के लिए तलाक के समान आधार लागू होंगे।
  • भरण-पोषण की जिम्मेदारी: देखा गया है कि, पति की मौत के बाद मुआवजा राशि मिलने के बाद पत्नी दूसरा विवाह कर लेती है और मृतक के माता-पिता बेसहारा ही रह जाते हैं। इस पर UCC के सुझाव अनुसार, अगर मुआवजा विधवा पत्नी को दिया जाता है, तो बूढ़े सास-ससुर के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उस पर ही रहेगी। वहीं अगर वह दूसरा विवाह करती है तो यह मुआवजा मृतक के बूढ़े माता-पिता को डे दिया जाएगा।
  • सास-ससुर की देखरेख: इसी तरह अगर पत्नी की मौत हो जाती है और सास-ससुर की देखभाल करने वाला कोई नहीं हो तो उनकी जिम्मेदारी व्यक्ति को ही उठानी होगी।
  • बदलेगा गोद लेने का अधिकार: जहां कुछ धर्मों के पर्सनल लॉ आज भी देश में महिलाओं को बच्चा गोद लेने से रोकते हैं। लेकिन वहीं UCC के कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को भी अब बच्चा गोद लेने का सामान अधिकार मिल जाएगा।
  • बच्चों की देखरेख-परवरिश: अक्सर देखा जाता है कि, माता-पिता की मौत के बाद कई लालची रिश्तेदार बच्चों के अभिभावक बन जाते हैं। वे संपत्ति हड़पकर बच्चों की फिर दुनिया में बेसहारा छोड़ देते हैं। लेकिन इस UCC में अनाथ बच्चों की गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान व और भी मजबूत की जाएगी।
  • बदलेगा उत्तराधिकार कानून: जहां आज भी कई धर्मों में लड़कियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार हासिल नहीं है। वहीं UCC में सभी को समान अधिकार का सुझाव है। उदहारण से समझें तो पारसी लड़की अगर गैर पारसी से विवाह करती है तो उससे सभी संपत्ति व अन्य हक छीन लिए जाते हैं। लेकिन हिंदू लड़कियों को संपत्ति में बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी। ऐसे मं UCC लागु होने से अन्य धर्मों में उत्तराधिकार कानूनों में बदलाव होगा।
  • जनसंख्या नियंत्रण: यूसीसी में जनसंख्या नियंत्रण का भी बड़ा सुझाव है। इस संदर्भ में कोई कानून नहीं है। कुछ धर्मों के पर्सनल लॉ बोर्ड बच्चों की संख्या सीमित करने का बड़ा विरोध करते हैं। लेकिन UCC में सुझाव है कि बच्चे पैदा करने की संख्या सीमित की जाए। नियम तोड़ने पर सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी वंचित किया जाए, जिससे कि, देश में जनसंख्या विस्फोट को रोका जा सकता है।
  • बच्चों की कस्टडी: UCC में एक जरुरी सुझाव यह भी है कि, अगर पति-पत्नी के बीच बच्चों की कस्टडी को लेकर झगड़ा चल रहा है तो बच्चों की कस्टडी दादा-दादी या नाना-नानी को दी जाए।
  • लिव-इन रिलेशनशिप: फिलहाल देश में लिव-इन रिलेशनशिप अपराध नहीं है। लेकिनUCC इसके रेगुलेशन की वकालत करता है। वहीं UCC में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को इसका डिक्लेरेशन करना भी अनिवार्य होगा। जिसकी सूचना लड़के और लड़की दोनों के ही परिवार और माता-पिता को भी जाएगी।

पाक-बांग्लादेश में भी मौजूद UCC 

यह भी बताते चलें कि, भारत पहला देश नहीं है जहां समान नागरिक संहिता या UCC को लागू करने की तैयारी हो रही है। दुनिया में ऐसे और भी कई देश हैं जहां UCC पहले से लागू है। इनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, इंडोनेशिया, मिस्र, आयरलैंड, मलेशिया और भारत के पडोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल हैं। इन देशों में अलग-अलग धर्म या समुदाय के लिए अलग-अलग कानून नहीं हैं।

 

Uniform civil code amidst protests and predictions ucc will have a direct impact on these matters know how many laws will change

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jul 02, 2023 | 01:09 PM

Topics:  

  • hindu marriage act

सम्बंधित ख़बरें

1

हरतालिका तीज पर भारत की तरह नेपाल में भी उपवास और प्रार्थना क्यों करती हैं हिंदू महिलाएं, जानिए

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.