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नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र में भारतीय समयानुसार बीते शनिवार रात विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr.S. Jaishankar) ने संबोधित करते हुए आतंकवाद के साथ परोक्ष रूप से पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और भरपूर तंज कसा है।
UNGA में राखी अपनी बातें
UNGA में उन्होंने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि, “मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश से 130 करोड़ लोगों की शुभकामनाएं लेकर आया हूं। भारत अपनी आजादी के 75 साल मना रहा है, जिसे हम आजादी का अमृत महोत्सव कह रहे हैं। इस दौर की कहानी लाखों भारतीयों के परिश्रम, दृढ़ संकल्प और उद्यम की है।”
#WATCH | This New India under leadership of PM Modi is confident. Its agenda for our centenary will be achieved through pledges taken… we are resolved to make India a developed country in next 25 years… we will liberate ourselves from a colonial mindset: EAM at #UNGA pic.twitter.com/91PBVb3BbH
— ANI (@ANI) September 24, 2022
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “यह नया भारत PMमोदी के नेतृत्व में अपने विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। हम भारत को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने दुनिया को वैक्सीन दी, लोगों को सुरक्षित इस आपदा से बाहर निकाला। आज हमारा फोकस ग्रीन ग्रोथ, एक्सेसबल हेल्थ पर है। दुनिया कोरोना के बाद आर्थिक संकट से गुजर रही है। फ्यूल, फर्टिलाइजर और फूड को लेकर संकट बना हुआ है।”
कोरोना काल में की सबकी मदद
इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि, हमारा मानना है कि ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकीर्ण राष्ट्रीय एजेंडे से ऊपर उठना चाहिए। भारत अपनी ओर से हमेशा से ही असाधारण समय में असाधारण उपाय कर रहा है। इसके समर्थन में उन्होंने अफगानिस्तान में 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और कई किश्तों में दवाएं और टीके भेजने, ईंधन, आवश्यक वस्तुओं और व्यापार निपटान के लिए श्रीलंका को 3.8 बिलियन डॉलर का कर्ज देने और म्यांमार को 10,000 मीट्रिक टन खाद्य सहायता और वैक्सीन की आपूर्ति करने जैसे अनेकों वास्तविक उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से ही ऐसे विषम आपदा के समय में अपने करीबी मित्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।
आतंकियों को बचाना जायज नहीं
इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकियों को बचाने की वजह कुछ भी हो, लेकिन उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। वहीं, चीन व पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, जो लोग सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का राजनीतिकरण कर आतंकवादियों को बचा रहे, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों व उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मंच से मांग रखी। पता हो कि, चीन ने हाल ही में 26/11 हमले में शामिल आतंकी पर अमेरिकी प्रस्ताव को बीते दिनों रोक दिया था।
नहीं बर्दाश्त होगा आतंकवाद : जयशंकर
इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने आगे कहा कि भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है। हम आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की। उनके अनुसार इस महत्वपूर्ण कार्य में भारत बड़ी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है।
यूक्रेन संघर्ष पर दो टुक
इसके साथ ही विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि, “यूक्रेन संघर्ष को लेकर हमसे पूछा जाता है कि हम किसके पक्ष में हैं और हमारा जवाब हर बार सीधा और ईमानदार होता है। भारत शांति के पक्ष में है। हम उस पक्ष में हैं जो बातचीत और कूटनीति को ही एकमात्र रास्ता बताता है।”
गौरतलब है कि, भारत वर्तमान में 15 देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है, इस साल दिसंबर में वह अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेगा जब वह परिषद की अध्यक्षता करेगा। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय वार्ता में कहा कि भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए भी अब तैयार है।