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नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) से मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, यहां इस बार भी प्याज की खेती करने वाले किसानों को राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है। जहां एक तरफ कपास और सोयाबीन के गिरते दाम से किसान पहले से ही संकट में हैं। वहीं अब एक बार फिर प्याज का भी अब किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा हैं।
फिलहाल प्रदेश के ज्यादातर मंडियों में किसानों को प्याज का रेट बेहद कम मिलता दिख रहा है।किसानों का कहना है कि बीते एक साल से हम किसानों को प्याज का उचित दाम नहीं मिल रहा हैं। जानकारी हो कि महाराष्ट्र के नासिक जिले में सबसे ज्यादा प्याज की खेती होती हैं और देश में सबसे ज्यादा प्याज की सप्लाई यहां से ही की जाती है और यहां के किसान को ही इस प्याज़ का सही दाम नहीं मिल पता हैं। राज्य में इस समय प्याज़ की खेती चल रही है।
वहीं अब प्याज के कम रेट मिलते देख नासिक के किसान बहुत दुखी हैं। उनके अनुसार अब तो उन्हें लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही इनकी मांग है कि, केंद्र सरकार मामले पर कुछ करे, ऐसे में तो वे अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भर पाएंगे।
Maharashtra | Farmers in Nashik face difficulties due to low prices of onions, they say, “We can’t even recover the amount of money that’s being used to grow onions after selling our produce. Centre must increase prices, we can’t pay school fees of our children” (24.02) pic.twitter.com/CsWmwQVWCl
— ANI (@ANI) February 25, 2023
दरअसल इस साल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में भी प्याज की बंपर पैदावार देखने को मिली है। जिससे दूसरे राज्यों में महाराष्ट्र के प्याज की मांग अब पहले की अपेक्षा कम हो गई है। इसलिए महाराष्ट्र के किसानों को इस बार पिछले साल से भी कम दाम मिल रहा है।
अब तो हालात ये हैं कि कहीं 1 तो कहीं 2 रुपये किलो के रेट पर इन्हें प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जो लागत से बहुत ही कम है। प्याज़ उत्पादक संगठन के अनुसार उनकी लागत ही औसतन 20 रुपये/किलो तक पहुंच गई है। वहीं मामले पर व्यापारियों का कहना हैं कि वर्तमान में प्याज़ की उत्पादन में काफी बढ़ोतरी आई है। इस समय मंडियों में आवक अधिक पहुंच रही हैं।
वहीं एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार, लासलगांव कृषि उपज विपणन समिति यार्ड में फिलहाल प्याज का मॉडल मूल्य (जिस दर पर अधिकांश व्यापार होता है) 675-700 रुपये/क्विंटल है। जो की पहले की तुलना में काफी कम है। वहीं एक साल पहले 2,480 और 2021 में 3,801 रुपये क्विंटल दाम था। इसके साथ ही साल 2020 में भी कीमतें 2,020 से अधिक ही थीं।