इजराइली सैनिकों के लिए दक्षिणी लेबनान से वापसी की समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: व्हाइट हाउस ने रविवार को जानकारी दी कि इजराइल और लेबनान ने इजराइली सैनिकों के लिए दक्षिणी लेबनान से वापसी की समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। यह निर्णय इजराइल की समय सीमा बढ़ाने की अपील के बाद लिया गया।
इजराइल का कहना है कि उसे दक्षिणी लेबनान में लंबे समय तक रहना आवश्यक है क्योंकि उस क्षेत्र के कई हिस्सों में लेबनानी सेना की तैनाती नहीं है, ताकि हिजबुल्लाह अपनी गतिविधियों को फिर से सक्रिय न कर सके। वहीं, लेबनानी सेना ने कहा है कि वह इजराइली सेना की वापसी के बाद ही वहां अपनी तैनाती शुरू कर पाएगी।
बता दें कि व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा कि लेबनान और इजराइल के बीच निगरानी व्यवस्था 18 जनवरी तक प्रभावी रहेगी। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि दोनों देशों की सरकारें 7 अक्टूबर 2023 के बाद पकड़े गए लेबनानी कैदियों की वापसी के संबंध में बातचीत शुरू करेंगी। हालांकि, इस मुद्दे पर न तो इजराइली और न ही लेबनानी सरकार की ओर से कोई तुरंत प्रतिक्रिया आई। वहीं, लेबनान के राष्ट्रपति कार्यालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस बात को नकारा कि इस निगरानी व्यवस्था को बढ़ाया गया है।
विदेश की अन्य ख़बरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
लेबनानी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, रविवार को दक्षिणी लेबनान में इजराइली सैनिकों ने संघर्ष विराम समझौते के तहत अपनी वापसी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। इस हमले में कम से कम 22 लोग मारे गए और 124 लोग घायल हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मारे गए लोगों में छह महिलाएं और एक लेबनानी सेना का जवान भी शामिल है। सीमावर्ती क्षेत्र के लगभग 20 गांवों से भी घायलों की सूचना मिली है।
प्रदर्शनकारियों, जिनमें से कुछ हिजबुल्लाह के झंडे लहरा रहे थे। उन्होंने ने इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच नवंबर में हुए युद्धविराम समझौते में निर्धारित 60 दिन की समय सीमा तक दक्षिणी लेबनान से इजराइल की वापसी में विफलता का विरोध करने के लिए कई गांवों में घुसने का प्रयास किया। इजराइल का कहना है कि उसे लंबे समय तक वहां बने रहने की आवश्यकता है क्योंकि लेबनानी सेना ने दक्षिणी लेबनान के सभी क्षेत्रों में अपनी तैनाती नहीं की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिजबुल्लाह अपनी उपस्थिति फिर से न बना सके।
इजराइली सेना ने रविवार को हुए विरोध प्रदर्शनों को भड़काने के लिए हिजबुल्लाह पर आरोप लगाया है। सेना ने एक बयान में कहा कि उसके सैनिकों ने कुछ क्षेत्रों में खतरों से निपटने के लिए चेतावनी देने के उद्देश्य से गोलियां चलाईं, जहां संदिग्धों की उपस्थिति देखी गई थी। बयान में यह भी कहा गया कि कई संदिग्धों को इजराइली सैनिकों ने गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
यूएनआईएफआईएल ने बयान में कहा कि नवंबर में हुए समझौते में निर्धारित समयसीमा पूरी नहीं हो पाई है। इसके कारण क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति नाजुक हो गई है और लेबनान में शत्रुता की समाप्ति तथा सरकार के गठन से जो स्थिरता आई थी, वह अब खतरे में पड़ सकती है। यूएनआईएफआईएल ने इजराइली सैनिकों की पूरी वापसी, लितानी नदी के दक्षिण में हथियारों और संपत्तियों को हटाने, पूरे दक्षिण लेबनान में लेबनानी सेना की तैनाती और ब्लू रेखा के दोनों किनारों पर विस्थापित नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है।