चीन के प्रधानमंत्री ली और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
मॉस्को: राजनीतिक और आर्थिक सहयोग के लिए चीन पर बढ़ती रूस की निर्भरता के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से बुधवार को मुलाकात की और दोनों देशों के बीच मजबूत होते व्यापारिक संबंधों की सराहना की। चीन और रूस के बीच बढ़ती नजदीकियां और मजबूत होते संबंध भारत को परेशानी दे सकती है। हालांकि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर रूस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं उसके उलट छह सप्ताह पहले जब पीएम मोदी रूस दौर पर गए थे तब यूक्रेन ने नाराजगी जताई थी। साथ ही पीएम मोदी के दौरे की आलोचना की थी।
पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास क्रेमलिन में हुई बैठक के दौरान कहा कि हमारे व्यापारिक संबंध सफलतापूर्वक विकसित हो रहे हैं। दोनों देशों की सरकारें व्यापार और आर्थिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित रही हैं और उसके परिणाम सामने आ रहे हैं।
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पुतिन ने कहा कि रूस और चीन ने आर्थिक और अन्य परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं बनाई हैं। ली ने कहा कि चीन-रूस संबंध अभूतपूर्व रूप से उच्च स्तर पर हैं। ली ने पुतिन के साथ बैठक से पहले रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन से भी मुलाकात की थी।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब रूस कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के हमलों के बीच उसे पीछे धकेलने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही यूक्रेन ने 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से पहली बार बुधवार रात रूस पर सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया।
रूसी समाचार रिपोर्ट में यह संकेत नहीं दिया गया कि पुतिन और ली ने यूक्रेन पर चर्चा की या नहीं। चीन ने यूक्रेन संघर्ष में खुद को तटस्थ रखने की कोशिश की है,उसके और रूस के संबंध पश्चिम के साथ कुछ खास नहीं हैं।
रूस द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजे जाने के जवाब में पश्चिमी देशों ने रूसी तेल की खरीद पर भारी प्रतिबंध लगाए थे और उस समय चीन ने रूसी तेल की खरीद में जबरदस्त बढ़ोतरी की जिससे रूस में उसका प्रभाव और बढ़ गया।
पुतिन ने क्रेमलिन में अपने पांचवें कार्यकाल के लिए शपथ लेने के तुरंत बाद बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक करके दर्शाया कि चीन रूस के लिए कितना महत्व रखता है।
ध्यान देने वाली बात है कि इधर पीएम मोदी यूक्रेन दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी कल यानी 23 अगस्त को यूक्रेन यात्रा पर जाएंगे। अभी प्रधानमंत्री पोलैंड के दौरे पर हैं। वहीं से वो यूक्रेन के लिए रवाना होंगे। हालांकि पीएम मोदी के इस दौरे पर रूस ने खुलकर अभी तक कुछ नहीं बोला है।
बावजूद इसके ये इस बात से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि रूस और भारत मित्र राष्ट्र हैं। जबकि यूक्रेन, रूस का दुश्मन देश है। ऐसे में जब पीएम मोदी जब यूक्रेन की दौरा कर रहे हैं तो रूस को बुरा लगना तय है। भले से वह खुलकर सामने नहीं आ रहा है।
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दूसरी ओर चीन, भारत का प्रतिद्वंदी राष्ट्र है। दोनों देशों के बीच लगने वाले सीमा को लेकर विवाद है। चीन अपने साम्राज्य और विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाते हुए भारत के क्षेत्रों पर कु दृष्टि गड़ाए रहता है। यही वजह है कि चीन और भारत की आपस में नहीं बनती।