
17 साल के बाद तारिक रहमान बांग्लादेश लौटे (सोर्स-सोशल मीडिया)
Tarique Rahman Dhaka Welcome Rally: बांग्लादेश की राजनीति में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल लंबे निर्वासन के बाद वतन लौटे हैं। ढाका की सड़कों पर उनके स्वागत के लिए समर्थकों का ऐसा सैलाब उमड़ा कि तिल रखने की जगह भी नहीं बची।
कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बावजूद लाखों लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए रात से ही सड़कों पर डटे रहे। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे की यह वापसी आगामी फरवरी चुनाव से पहले बीएनपी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं मानी जा रही है।
दिसंबर की इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में भी बीएनपी कार्यकर्ताओं का जोश देखने लायक था। ढाका के पुर्बाचल इलाके की 300 फीट लंबी सड़क, जिसे ’36 जुलाई एक्सप्रेसवे’ भी कहा जाता है, सुबह होने से पहले ही समर्थकों से भर गई। लोग हाथों में तख्तियां, बैनर और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धान की बालियां’ लिए हुए थे।
भीड़ में गूंजते नारे “देश का नेता आ रहा है, बांग्लादेश कांप रहा है” ने पूरे माहौल को राजनीतिक ऊर्जा से भर दिया। कई कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों के साथ रंग-बिरंगे कपड़ों में नाचते-गाते अपने नेता का इंतजार कर रहे थे, जो इस पल को एक ऐतिहासिक उत्सव बना रहा था।
तारिक रहमान 2008 में इलाज के लिए लंदन गए थे और तब से वहीं से पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी अनुपस्थिति में बीएनपी ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनकी वापसी ने कार्यकर्ताओं में यह विश्वास जगाया है कि अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया फिर से पटरी पर आएगी। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रहमान के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं।
उन्हें न केवल अपनी पार्टी को एकजुट रखना है, बल्कि देश में बढ़ती कट्टरपंथी ताकतों और अंतरिम सरकार के बीच अपना राजनीतिक स्थान भी सुरक्षित करना है। समर्थकों का मानना है कि तारिक का नेतृत्व पार्टी को पुरानी साजिशों से बाहर निकालकर नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
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एयरपोर्ट पर उतरने के बाद तारिक रहमान सीधे स्वागत कार्यक्रम स्थल पहुंचे और फिर एवरकेयर अस्पताल में अपनी बीमार मां खालिदा जिया से मुलाकात की। 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में तारिक रहमान को प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
उनकी वापसी ने अवामी लीग के पतन के बाद बने राजनीतिक शून्य को भरने की कोशिश की है। नौजवानों के बीच उनकी लोकप्रियता और पुराने कार्यकर्ताओं का अटूट विश्वास उन्हें इस समय बांग्लादेश का सबसे प्रभावशाली नेता बनाता है। अब पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर हैं कि तारिक रहमान इस ‘इंसानी समंदर’ के समर्थन को चुनावी जीत में कैसे बदलते हैं।






