तालिबान ने बगराम एयरबेस के लिए अमेरिका को जवाब दिया (फोटो- सोशल मीडिया)
Bagram Airbase News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अमेरिका के कब्जे की मंशा जाहिर की है। इसे लेकर अब तालिबान ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है कि वे उनसे रिश्ते तो सुधारना चाहते हैं, लेकिन किसी भी हाल में अफगानिस्तान की धरती पर अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं चाहते।
ट्रंप ने खुद यह खुलासा किया था कि उनका प्रशासन अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है। यह खुलासा चीन के लिए भी परेशानी भरा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद कहा है कि चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के नजदीक होने के कारण बगराम एयरबेस पर उनके प्रशासन का कब्जा जरूरी है।
तालिबान के प्रवक्ता ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, तालिबान अमेरिका के साथ रिश्ते बनाए रखने की इच्छा रखता है, लेकिन अफगानिस्तान की जमीन पर अमेरिका की सेना को दोबारा आने की इजाज़त नहीं मिलेगी। तालिबान के इस दो टूक जवाब से डोनाल्ड ट्रंप की किरकिरी हो गई।
ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को लेकर कहा था, “हम इसे वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें हमसे चीजें चाहिए। हम उस बेस को वापस चाहते हैं। उस बेस को चाहने का एक कारण, जैसा कि आप जानते हैं, यह है कि यह चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली जगह से एक घंटे की दूरी पर है।”
अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के चार साल बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी इस नीति को सार्वजनिक रूप से पेश किया है। उन्होंने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए पिछली बाइडेन सरकार की आलोचना भी की। बगराम, जो राजधानी काबुल से लगभग 44 किलोमीटर उत्तर में स्थित है, अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा रहा है।
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हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने बगराम एयरबेस का मुद्दा उठाया हो। मार्च में भी उन्होंने दावा किया था कि इस क्षेत्र पर अब बीजिंग का नियंत्रण है। ट्रंप ने कहा था, “अमेरिका को बगराम एयरबेस अपने कब्जे में बनाए रखना चाहिए था सिर्फ अफगानिस्तान के लिए नहीं, बल्कि चीन को देखते हुए भी। यह एयरबेस चीन की उन साइट्स से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है, जहां वह अपनी परमाणु मिसाइलें तैनात रखता है।”
एजेंसी इनपुट के साथ-