रूस का सीक्रेट प्लेन IL-72 (सोर्स- सोशल मीडिया)
Russian Military Plane in Venezuela: अमेरिका की सेना वेनेजुएला के पास तैनात है, खबर है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी भी वक्त हमले का आदेश दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया। इसके चलते पूरेक्षेत्र में तनाव बना हुआ है। इसी बीच, रूस ने वेनेजुएला के लिए सैन्य कदम उठाया। रूस का एक गुप्त विमान रविवार को वेनेजुएला की राजधानी कराकस में उतरा, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई।
अमेरिका पहले ही कैरिबियन सागर में 10,000 सैनिक, युद्धपोत, बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर, एफ-35 लड़ाकू विमान और विशेष बल तैनात कर चुका है। रूस का यह मिशन बेहद गुप्त था। IL-72 विमान 22 अक्टूबर को येकातेरिनबर्ग से रवाना हुआ और आर्मेनिया, अल्जीरिया, मोरक्को, सेनेगल और मॉरिटानिया होते हुए कराकस पहुंचा।
यह विमान रूस की कंपनी एवियाकॉन जिटोट्रांस द्वारा चलाया गया, जिस पर अमेरिका ने 2023 में प्रतिबंध लगाया था। अमेरिकी सरकार के अनुसार, यह कंपनी रूस के रक्षा मंत्रालय के लिए हथियार और सैन्य उपकरण प्रतिबंधित देशों तक पहुंचाती है। यह विमान रूस की निजी सेना वैग्नर ग्रुप से भी जुड़ा है।
ट्रंप का कहना है कि कैरिबियन में तैनाती का मकसद ड्रग माफिया से निपटना है, लेकिन आलोचकों का मानना है कि अमेरिका वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने सीआईए को वेनेजुएला में गुप्त ऑपरेशन करने की भी अनुमति दी है। वहीं मादुरो का कहना है कि अमेरिका एक झूठा युद्ध कर रहा है ताकि उन्हें हटाया जा सके।
रूस और वेनेजुएला के संबंध पहले से ही मजबूत हैं। इसी साल मई में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मादुरो ने मास्को में 25 बिंदुओं वाला रणनीतिक साझेदारी समझौता किया, जिसमें ऊर्जा, व्यापार और रक्षा शामिल हैं। रूस ने अब तक वेनेजुएला को 4 अरब डॉलर से ज्यादा के हथियार, जैसे टैंक, जेट और ड्रोन दिए हैं।
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इसके अलावा इस समझौते के तहत रूसी सैनिकों ने वेनेजुएला के सैनिकों को प्रशिक्षण भी दिया है। सूत्रों के मुताबिक, वैग्नर ग्रुप के सैनिक वेनेजुएला में सुरक्षा बलों को ट्रेनिंग दे रहे हैं और संभव है कि राष्ट्रपति मादुरो की सुरक्षा भी इसी समूह द्वारा की जा रही है।