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‘त्रिगुट’ की फिर से दस्तक! रूस, भारत, चीन मिलकर बदलेंगे खेल? रूसी विदेश मंत्री ने कहा- अब समय आ गया है…

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि मैं चाहता हूं कि रूस, भारत और चीन के त्रिपक्षीय प्रारूप के अंतर्गत जल्द से जल्द काम को फिर से शुरू करें। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि आरआईसी (रूस-भारत-चीन) समूह..

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: May 30, 2025 | 11:23 AM

रूस, भारत, चीन मिलकर बदलेंगे खेल, फोटो (सो.सोशल मीडिया)

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मास्को:  रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश रूस-भारत-चीन (RIC) मंच के तहत फिर से सक्रिय रूप से काम करने के पक्ष में है। उन्होंने ये बातें यूराल पर्वतों के पर्म शहर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सामाजिक-राजनीतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस सम्मेलन का उद्देश्य यूरेशिया क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग की एक संतुलित और समान प्रणाली स्थापित करना था। लावरोव का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत और चीन के रिश्तों में पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने के मुद्दे पर एक बार फिर से खटास देखने को मिल रही है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर।

एक रिपोर्ट के अनुसार, लावरोव ने कहा कि मैं रूस, भारत और चीन के त्रिपक्षीय प्रारूप के अंतर्गत जल्द से जल्द काम को फिर से शुरू करने में गहरी दिलचस्पी की पुष्टि करना चाहता हूं। यह त्रिगुट (R-I-C) कई साल पहले येवगेनी प्रिमाकोव (पूर्व रूसी प्रधानमंत्री) के सुझाव पर स्थापित किया गया था और तब से अब तक 20 से ज्यादा बार मंत्रिस्तरीय स्तर पर बैठकें आयोजित कर चुका है। ये बैठकें केवल विदेश मंत्रालय के प्रमुखों के स्तर पर ही नहीं, बल्कि तीनों देशों की आर्थिक, व्यापारिक और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के बीच भी आयोजित हो चुकी हैं।

अब समय आ गया है

पर्म में लावरोव ने यह स्पष्ट किया कि मेरी समझ के अनुसार, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर एक प्रकार की सहमति बन चुकी है, और अब समय आ गया है कि आरआईसी (रूस-भारत-चीन) समूह को फिर से सक्रिय किया जाए।  इसके साथ ही उन्होंने नाटो पर आरोप लगाया कि वह भारत को चीन-विरोधी रणनीतियों में उलझाने की खुली कोशिश कर रहा है।

कुछ दिनों पहले लावरोव ने कहा था कि पश्चिमी देश भारत और चीन को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा था, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र की हाल की घटनाओं पर ध्यान दें। पश्चिम ने अपनी नीति को साफ तौर पर चीन-विरोधी बनाने के लिए इस क्षेत्र को हिंद-प्रशांत कहना शुरू कर दिया है, ताकि भारत और चीन जैसे हमारे करीबी मित्र और पड़ोसी देशों के बीच टकराव पैदा किया जा सके।”

यह भी पढ़ें- आतंकियों की मौत पर मनाया था मातम, शशि थरूर ने उसी के घर में घुसकर लगाई लताड़

संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर

क्वाड का तीव्र विरोध करने वाले लावरोव ने चीन के बढ़ते प्रभाव के मुकाबले के लिए बने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के नए सैन्य गठबंधन एयूकेयूएस के गठन के बाद अपनी आलोचना कम कर दी है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। लावरोव का कहना है कि पश्चिमी देश एशिया में दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान की भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

लावरोव ने आगे कहा कि मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे भारतीय मित्र, और मैं यह उनके साथ हुई निजी चर्चाओं के आधार पर कह रहा हूं वो इस प्रवृत्ति को अच्छी तरह समझते हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हुए तनाव के बाद पहली बार आरआईसी (रूस-भारत-चीन) समूह एक साथ मंच पर आया। हालांकि, अक्टूबर 2024 में कजान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा गया, क्योंकि इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Russia india china to change game russian foreign minister says time has come

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Published On: May 30, 2025 | 11:23 AM

Topics:  

  • China
  • India
  • Russia
  • World News

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