यूक्रेन की नारवाल मिसाइल। इमेज-सोशल मीडिया
Ukraine Narwhal Cruise Missile: रूस-यूक्रेन जंग तीन साल से थमने का नाम नहीं ले रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष ने युद्ध को रुकवाने की भरसक कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं लगी। अब यूक्रेन ने अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमता में बड़ी छलांग लगाई है। इसने एक नई क्रूज मिसाइल विकसित की है। इसे नारवाल नाम दिया है। यह मिसाइल रूस के मास्को और एंगेल्स जैसे दूर स्थित सामरिक केंद्रों पर हमला करने की क्षमता रखती है।
वैसे, अभी नारवाल मिसाइल की तकनीकी जानकारी गोपनीय रखी गई है। डिफेंस एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है, जो यूक्रेन को युद्ध क्षेत्र में रूस के खिलाफ अहम ताकत देगी।
नारवाल क्रूज मिसाइल का विकास यूक्रेन के लिए केवल सैन्य उपकरण नहीं है, बल्कि यह देश के संकटग्रस्त रक्षा उद्योग के लिए बड़ी खबर है। मिसाइल की लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे रूसी राजधानी मास्को और एंगेल्स एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण ठिकानों पर निशाना साधने की क्षमता देती है। एंगेल्स रूस का महत्वपूर्ण सामरिक बमवर्षक अड्डा है। यहां से यूक्रेन पर लंबी दूरी के हमले किए जाते हैं। इस मिसाइल की तैनाती रूस को गहराई में सुरक्षात्मक कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकती है।
नारवाल मिसाइल की तकनीकी खासियत अब भी सीक्रेट रखी गई हैं। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इसे आधुनिक रूसी हवाई सुरक्षा को चकमा देने के लिए डिजाइन किया गया है। यूक्रेनी रक्षा अधिकारी मानते हैं कि यह सतह से दागी जा सकती है। इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाएगी। इस नई मिसाइल के आने से यूक्रेन को रूसी सैन्य और लॉजिस्टिक्स ठिकानों पर दबाव बनाए रखने में मदद मिल जाएगी।
रूस की राजनीतिक और सैन्य शक्ति का केंद्र मास्को अब यूक्रेनी मिसाइलों की सीधी पहुंच में आ गया है। इससे रूसी नेतृत्व पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ जाएगा। वहीं, एंगेल्स एयरबेस, यह ठिकाना रूसी लंबी दूरी के रणनीतिक बम वर्षकों जैसे Tu-95 और Tu-160 का घर है। इनका इस्तेमाल यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमला करने के लिए किया जाता है। नारवाल की क्षमता यूक्रेन को इन हवाई हमलों के स्रोत को सीधे निशाना बनाने का मौका देगी।
नारवाल मिसाइल यूक्रेनी इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की असाधारण प्रतिभा बताती है। इन्होंने युद्ध के दौरान भी जटिल हथियार प्रणालियों का विकास किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नारवाल को कम ऊंचाई पर उड़ने और एडवांस्ड नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करके रूसी S-400 जैसी एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने के लिए डिजाइन किया गया है।
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नारवाल यूक्रेन को रूसी हमलों का तुरंत और समान रूप से जवाब देगी। इससे संघर्ष का समीकरण बदलेगा। रूसी सैन्य और लॉजिस्टिक्स हब, जो पहले सुरक्षित माने जाते थे, अब खतरे में हैं। इससे रूस को संसाधनों का बड़ा हिस्सा भीतरी हवाई सुरक्षा पर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। स्वदेशी रूप से शक्तिशाली हथियार का विकास यूक्रेनी सैनिकों और नागरिकों के मनोबल को भी बढ़ाएगा।