
पीएम मोदी और नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, फोटो- सोशल मीडिया
PM Modi Bhutan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय भूटान दौरे के बाद वतन लौट रहे हैं। इस यात्रा के दौरान भारत ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अटूट समर्थन दिया और आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम में सहयोग का ऐलान किया। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य और संस्थागत संबंध निर्माण सहित तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर मुहर लगी।
पीएम मोदी के इस दौरे का मुख्य फोकस जलविद्युत परियोजनाओं पर रहा। 11 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी और महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मिलकर 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना पुनात्सांगछू नदी पर स्थित है, और इसके शुरू होने से भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 40 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी। दोनों नेताओं ने पुनात्सांगछू-II से भारत को बिजली निर्यात की शुरुआत की सराहना की।
इसके साथ ही, दोनों देशों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के मुख्य बांध ढांचे पर काम फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है, ताकि इसे शीघ्र पूरा किया जा सके। यह परियोजना पूरी होने पर दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी। भारत सरकार ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 40 बिलियन भारतीय रुपए के रियायती लोन की मदद का ऐलान किया है।
भारत और भूटान ने सीमा पार संपर्क सुधारने और सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी जोर दिया। गेलेफू में निवेशकों और लोगों की आवाजाही को आरामदायक बनाने के लिए, भारत ने असम के हतिसार में एक आव्रजन जांच चौकी स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की।
इसके अलावा, दोनों पक्षों ने पहले सितंबर 2025 में हस्ताक्षरित सीमा पार रेल संपर्क (गेलेफू-कोकराझार और समत्से-बानरहाट) के कार्यान्वयन के लिए परियोजना संचालन समिति की स्थापना पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने एसटीईएम, फिनटेक और स्पेस जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
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पीएम मोदी के दौरे पर यूपीआई के दूसरे चरण पर भी चर्चा हुई। इस चरण के तहत, भारत आने वाले भूटानी नागरिकों को क्यूआर कोड स्कैन करके स्थानीय मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भुगतान करने में मदद मिलेगी। सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देते हुए, भारत सरकार ने राजगीर में रॉयल भूटान मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का समर्थन किया। साथ ही, वाराणसी में भूटानी मंदिर और गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भूमि देने का भी ऐलान किया गया है।






