मुनीर के खास बिलाल ने PMO से अचानक दिया इस्तीफा, (डिजाइन फोटो)
Pakistan PMO Controversy: पाकिस्तान में इन दिनों सत्ता और सैन्य नेतृत्व के बीच खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। 29 नवंबर को सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का कार्यकाल समाप्त हो गया, जिसके बाद उन्हें रक्षा प्रमुख नियुक्त किए जाने का नोटिफिकेशन सामान्य प्रक्रिया के तहत जारी होना चाहिए था।
लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई। स्थानीय मीडिया में दावा है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस नियुक्ति पर पूरी तरह सहमत नहीं हैं और वह इस मुद्दे पर नवाज शरीफ से अंतिम सलाह लेने के लिए देश से बाहर गए हैं।
हालात को और पेचीदा उस समय बना दिया, जब मुनीर के बेहद करीबी माने जाने वाले बिलाल बिन साकिब ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से इस्तीफा दे दिया। बिलाल मई 2025 में पीएमओ से जुड़े थे और उन्हें मंत्री पद का दर्जा भी प्राप्त था। शहबाज सरकार ने उन्हें क्रिप्टो और ब्लॉकचेन मामलों में सलाहकार के तौर पर तैनात किया था, लेकिन छह महीने बाद ही उन्होंने पद छोड़ दिया।
बिलाल के इस्तीफे ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है, क्योंकि माना जाता है कि वह जनरल मुनीर के भरोसेमंद लोगों में शामिल रहे हैं। 34 वर्षीय बिलाल बिन साकिब का जन्म पंजाब में हुआ और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई के बाद उन्होंने “वन मिलियन मील्स” नाम की पहल शुरू की, जिसके जरिए उनकी सेना के उच्च अधिकारियों से नजदीकियां बढ़ीं। बाद में वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स पर सक्रिय हुए, जिसके आधार पर उन्हें पीएमओ में विशेष सहायक नियुक्त किया गया।
इस्तीफे की टाइमिंग इसलिए भी अहम है क्योंकि पाकिस्तान में इन दिनों प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के बीच टकराव की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही मुनीर की नियुक्ति पर नोटिफिकेशन जारी होना था, ठीक उसी समय प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विदेश रवाना हो गए। यह माना जा रहा है कि उन्होंने लंदन में बैठे नवाज शरीफ से अंतिम राय लेने का फैसला किया, क्योंकि पाकिस्तान में किसी भी सैन्य-राजनीतिक नियुक्ति में आखिरी सहमति नवाज की ही मानी जाती है।
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अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शहबाज शरीफ इस्लामाबाद लौटकर क्या फैसला लेते हैं। मुनीर की नियुक्ति पर सहमति बनी या नहीं यही तय करेगा कि पाकिस्तान की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी।