एलओसी पर सेना।
India and Pakistan Preparing for Drone War: ऑपरेशन सिंदूर का असर लाइन ऑफ कंट्रोल पर दिख रहा है। पाकिस्तान एलओसी के पास बड़ी तादाद में एंटी ड्रोन और एंटी जैमिंग सिस्टम लगा रहा है। भारत भी बड़ी संख्या में ड्रोन तैनात कर है। सूत्रों के मुताबिक, लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पाकिस्तान ने ड्रोन डिटेक्शन और जैमिंग की 35 यूनिट तैनात की है। जो ड्रोन पहचानने और उसको जाम करने वाले सिस्टम हैं। इसे खासकर पाकिस्तान ने भारत के एलओसी पर ड्रोन की तैनाती देखते हुए निपटने की तैयारी के लिए किया है। पाकिस्तान की ड्रोन डिटेक्शन और जैमिंग यूनिट एलओसी के उस पार 8 ब्रिगेड के तहत आती हैं। पाकिस्तान द्वारा यह तैनाती रावलकोट, कोटली, भिंबर, केल, बाग, डोमेल और बदर इलाकों में की गई है।
रक्षा जानकार का बताते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ड्रोन और कामिकाजी ड्रोन ने जिस तरह से पाकिस्तानी में तबाही मचाई थी, उससे पाकिस्तान अब अलर्ट मोड पर है। वह भारतीय ड्रोन की निगरानी, टार्गेटिंग और सटीक हमले से काफी बेचैन है।
रक्षा जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान को फिर से भारतीय सेना के ड्रोन हमले का डर सता रहा है। इस कारण वह अपनी ड्रोन क्षमता को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। अब सेना की हर बटालियन में ड्रोन प्लाटून बनाई जा रही है। भारतीय सेना भी मौजूदा जरूरतों के मुताबिक अलग-अलग तरह के ड्रोन को शामिल कर रही, जिससे पाकिस्तान को फिर आसानी से पटखनी दी जा सके। यही कारण है कि अब पाकिस्तान ने एंटी ड्रोन और एंटी जैमिंग खरीदने की प्रकिया काफी तेज कर दी है। खासकर चीन और तुर्किए से वह काफी संख्या में ऐसे सिस्टम खरीदने में लगा है, जो उसे भारत के ड्रोन हमले से बचा सके।
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल दानवीर सिंह का कहना है कि पाकिस्तान चाहे चीन या फिर तुर्किए से कैसा भी ड्रोन खरीदे, उससे भारतीय सेना पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। यह स्वाभाविक प्रकिया है कि ड्रोन पीड़ित देश अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने देखा कि कैसे चीन और तुर्किए के ड्रोन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे पानी भरते नजर आए थे। हमारी तकनीक और क्षमताओं के आगे पाकिस्तान के हथियार कहीं नहीं टिके। यह सही है कि अब एलओसी पर हालात खतरनाक बन रहे, लेकिन हमें बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। वैसे, पाकिस्तान अपने लोगों का ध्यान बंटाने के लिए एलओसी पर कुछ-न-कुछ जरूर करेगा। इससे निपटने के लिए सेना पूरी तरह तैयार है।
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जानकार कहते हैं कि पाकिस्तान यह सब कदम अपनी हिफाजत के लिए उठा रहा है। दरअसल, ऑपरशन सिंदूर के दौरान उसे जबरदस्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल वह अपने क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में जुटा है। भले उसे खाने के लाले पड़ रहे हैं, लेकिन वह काफी संख्या में चीन और तुर्किए से हथियार खरीदनें में जुटा है। यह भी सच है कि इन दो देशों के अलावा कोई और देश पाकिस्तान को क्रिटिकल कंपोनेंट देने से बच रहा है।