असीम मुनीर (फोटो- सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ एक बार फिर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए विवादित बयान दिया है। उन्होंने भारत पर बिना कोई सबूत पेश किए, इस क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान स्वयं आतंकवाद का अड्डा माना जाता है। मुनीर ने पड़ोसी देशों को भी भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश की, जो उनकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है।
यह बयान उस देश के सेना प्रमुख की ओर से आया है, जहां दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित पनाह मिली थी। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों को सबसे ज्यादा पनाह देने का रिकॉर्ड भी पाकिस्तान के नाम है। पूरी दुनिया पाकिस्तान के इस दोहरे रवैये और आतंकवाद को लेकर उसके इतिहास को अच्छे से जानती है।
पाकिस्तानी अधिकारी मुनीर ने 52वें सामान्य प्रशिक्षण कार्यक्रम के अधिकारियों को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है, जिसे वह एक भाईचारे वाला इस्लामी राष्ट्र मानता है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान को भारत से जुड़े आतंकवादी संगठनों, विशेष रूप से “फितना अल-हिंदुस्तान” और “फितना अल-खवारिज” को अपनी सीमाओं में पनपने नहीं देना चाहिए।
मुनीर ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला प्रमुख देश है। उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान किसी भी हालत में भारत के प्रभुत्व को स्वीकार नहीं करेगा और इस संबंध में दृढ़ता से खड़ा रहेगा। उनके शब्दों में, “हमने कभी भारत के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा।”
मुनीर ने यह आरोप लगाया कि भारत में आतंकवाद की समस्या अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव और हिंसा का परिणाम है और यह भारत का आंतरिक मामला है। लेकिन वह यह भूल गए कि पाकिस्तान का इस मामले में इतिहास बेहद खराब रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ जो अत्याचार होते हैं, वे शायद ही किसी अन्य देश में देखने को मिलते हों। इसी वजह से स्वतंत्रता के बाद से अब तक पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की जनसंख्या लगभग समाप्त हो चुकी है, जबकि भारत में इनकी आबादी लगातार बढ़ रही है।
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दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पाकिस्तान की स्थापना ही धार्मिक आधार पर हुई थी, जहां अन्य समुदायों के लिए कोई स्थान नहीं है। मुनीर खुद भी अपने आप को मौलाना से कम नहीं समझते, जो इस मानसिकता को दर्शाता है।
फील्ड मार्शल मुनीर ने पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों के संबंध में कहा कि देश के सशस्त्र बल आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए पूर्णतः सक्षम हैं। उन्होंने राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी सरकारी संस्थानों के बीच सामंजस्य आवश्यक है, क्योंकि प्रशासन और नागरिक प्रशासन देश की स्थिरता की आधारशिला हैं तथा उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों से व्यक्तिगत या क्षेत्रीय हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उनका कहना था, “जो देश अपने अतीत को भुला देते हैं, वे अपना भविष्य भी गंवा बैठते हैं।”