शर्मिष्ठा पनोली के लिए समर्थन में आए नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्डर्स, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर पर कथित रूप से सांप्रदायिक सोशल मीडिया पोस्ट करने के मामले में गुरुग्राम से गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट शर्मीष्ठा पनौली को अब यूरोप से समर्थन मिल रहा है। नीदरलैंड (डच) संसद के सदस्य गिर्ट विल्डर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर धब्बा’ है। पीएम मोदी शर्मीष्ठा के अधिकारों की रक्षा करें ।
‘All eyes on Sharmistha’ लिखा हुआ एक पोस्टर गिर्ट विल्डर्स ने अपने एक्स पर साझा करते हुए कहा, “शर्मिष्ठा पनौली को तुरंत रिहा करो, उनकी गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। उन्हें पाकिस्तान के बारे में सच बोलने के लिए सजा नहीं दिया जाना चाहिए। उनकी मदद करें।”
Free the brave Sharmishta Panoli!
It’s a disgrace for the freedom of speech that she was arrested.
Don’t punish her for speaking the truth about Pakistan and Muhammad.
Help her @narendramodi! @AmyMek #Sharmishta#IStandwithSharmishta #ReleaseSharmistha #FreeSharmishta pic.twitter.com/YhGSLhuyr2
— Geert Wilders (@geertwilderspvv) May 31, 2025
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब गिर्ट विल्डर्स ने भारत से जुड़े विवाद में खुलकर अपनी राय जाहिर की हो। 2022 में भी उन्होंने बीजेपी की नेता नुपूर शर्मा का समर्थन किया था, जब उनके एक बयान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद हुआ था। पिछले साल उन्होंने यह भी कहा था कि वह एक दिन भारत आकर नुपूर शर्मा से मिलना चाहते हैं।
शर्मीष्ठा पनौली, जिनके इंस्टाग्राम और एक्स पर 1.75 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, को उनके एक वीडियो के चलते गिरफ्तार किया गया है। इस वीडियो में उन्होंने कुछ बॉलीवुड सितारों पर निशाना साधा था, जिन पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। हालांकि, इस वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा को आपत्तिजनक माना गया, जिससे एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।
हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद शर्मीष्ठा ने माफी मांगते हुए वीडियो डिलीट कर दिया था। बावजूद इसके, कोलकाता में उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। FIR में आरोप है कि उन्होंने धर्म के आधार पर नफरत फैलाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने का प्रयास किया।
कोर्ट से बाहर आते समय शर्मिष्ठा ने मीडिया से कहा, “लोकतंत्र में जिस तरह का उत्पीड़न हो रहा है, यह लोकतंत्र की परिभाषा नहीं है।” उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके बाद, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कार्रवाई सिर्फ सनातन धर्म के लोगों के खिलाफ की जाती है।