मियामी में होगी रूस-अमेरिका के बीच अहम बैठक (सोर्स- सोशल मीडिया)
US Russia High-Level Meeting in Miami: अमेरिका और रूस के वरिष्ठ अधिकारी इस हफ्ते के आखिर में मियामी में एक अहम बैठक करने की तैयारी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच एक नया कूटनीतिक रास्ता खोलना है। अमेरिका लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
इस बैठक के साथ-साथ अमेरिका यूक्रेन और अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी बातचीत कर रहा है। इन चर्चाओं में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात हो रही है। बदले में अमेरिका युद्धविराम की उम्मीद कर रहा है। बताया जा रहा है कि मियामी में होने वाली बैठक में हाल ही में यूक्रेन और यूरोपीय देशों के साथ हुई चर्चाओं और रूस की मांगों पर खास ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, अभी तक इस बैठक की तारीख और रूपरेखा पूरी तरह तय नहीं हुई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूसी प्रतिनिधिमंडल में रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड के प्रमुख किरिल दमित्रिएव शामिल हो सकते हैं। वहीं अमेरिकी पक्ष से ट्रंप प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति के दामाद जेरेड कुशनर के शामिल होने की संभावना है। हाल ही में बर्लिन में स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर ने यूक्रेन और यूरोपीय अधिकारियों के साथ लंबी बैठकें की थीं। इन बैठकों का मुख्य मुद्दा यूक्रेन के लिए भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था और संभावित क्षेत्रीय समझौते थे।
जानकारी के अनुसार, अमेरिका यूक्रेन पर लचीलापन दिखाने का दबाव बना रहा है। माना जा रहा है कि यूक्रेन ने फिलहाल नाटो की तुरंत सदस्यता की मांग से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इसके बदले में अमेरिका उसे नाटो देशों जैसी सुरक्षा देने का वादा कर सकता है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है।
पुतिन साफ कहा है कि रूस अपने युद्ध लक्ष्यों से पीछे नहीं हटेगा और जिसे वह अपनी ऐतिहासिक भूमि मानता है, उसे हासिल करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बातचीत से समाधान नहीं निकला तो रूस सैन्य रास्ता अपनाएगा।
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अमेरिका अब समानांतर रूप से कई कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। रूस से मियामी में बातचीत चल रही है, जबकि यूक्रेन समर्थक देशों के सैन्य अधिकारियों की अलग बैठक अमेरिका में करने की योजना है। उधर यूरोपीय देश युद्धविराम के बाद यूक्रेन की सुरक्षा के लिए ठोस योजनाएं बनाने में जुटे हुए हैं।