कनाडा अपनी हरकतों से नहीं आ रहा बाज, उठाया भारत विरोधी कदम
ओटावा: खालिस्तानी आतंकियों के प्रति कनाडा का झुकाव कोई नई बात नहीं है। भारत भी समय-समय पर कनाडा सरकार को उनके खालिस्तान प्रेम के प्रति आगाह करता रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी उसके बर्ताव में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है।
ताजा उदाहरण है खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को जमानत देने का। खबर आ रही है कि कनाडा की एक अदालत ने पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को 30 हजार डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई अगले वर्ष फरवरी में होगी।
खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला को कुछ समय पहले ही कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस को उसके पास से कई हाईटेक हथियार भी मिले थे। सूत्रों के अनुसार अर्श डल्ला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सीधे संपर्क में रहा है। कनाडा में 28 अक्टूबर की रात खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को गोली लगी थी. अर्श अपने साथी गुरजंत सिंह के साथ कार में सवार होकर हॉल्टन इलाके से गुजर रहा था. इसी दौरान कार में रखे हथियार से एक्सिडेंटल फायर हो गया था। गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी। जिसके बाद डल्ला और गुरजंत सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर उसे अरेस्ट किया गया।
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डल्ला ने तब पुलिस को खुद पर हुए हमले की एक फर्जी कहानी बताई थी। पुलिस ने जांच में कई खुलासे किए हैं। कनाडा की पुलिस ने अर्श डल्ला की कार की तलाशी ली थी। फिर रूट भी चेक किया गया था। पता चला कि अर्श डल्ला की कार रास्ते में एक घर के बाहर कुछ देर रुकी थी। उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले हैं। जांच में पता चला सभी हथियार अर्श डल्ला के ही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने कनाडा में गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण की मांग करने की योजना बना रहा था।