एप्सटीन फाइल्स की तस्वीरें
Jeffrey Epstein Files Release: अमेरिका में वर्षों से विवाद और साजिशों के घेरे में रहे जेफ्री एप्सटीन केस की फाइलें अब धीरे-धीरे सार्वजनिक होनी शुरू हो गई हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार को एप्सटीन से जुड़े जांच रिकॉर्ड्स की पहली खेप जारी की। यह वही मामला है जिसने राजनीति, हॉलीवुड और बिजनेस जगत को लंबे समय से हिलाकर रखा है। इन्हीं फाइल्स को सार्वजनिक करने का वादा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के दौरान किया था। इन दस्तावेजों से दोषी यौन अपराधी जेफ्री एप्सटीन के हाई-प्रोफाइल लोगों से संबंधों पर कुछ खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही थी।
इन दस्तावेजों को एप्सटीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत जारी किया गया है। नवंबर में कांग्रेस से पारित इस कानून के अनुसार 19 दिसंबर अंतिम डेडलाइन थी। हालांकि, एक नया विवाद सामने आया है। जारी फाइल्स में बड़े पैमाने पर रेडैक्शन किए जाने से पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं। रेडैक्शन का मतलब किसी दस्तावेज या रिपोर्ट से संवेदनशील या गोपनीय हिस्सों को जानबूझकर छिपा देना या काला कर देना होता है।
जारी किए गए रिकॉर्ड्स में 254 मसाज करने वाली महिलाओं की सूची के सात पन्ने शामिल हैं। इन सभी पन्नों पर सिर्फ नाम दर्ज थे, लेकिन उन्हें पूरी तरह काला कर दिया गया है। न्याय विभाग का कहना है कि संभावित पीड़ितों की पहचान की सुरक्षा जरूरी है। वहीं आलोचकों का दावा है कि यही सूची एप्सटीन नेटवर्क को समझने की अहम कड़ी मानी जाती है और इसे छिपाने से संदेह और बढ़ गया है।
इन फाइल्स में कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो पहले सार्वजनिक नहीं हुई थीं। इनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को हॉट टब में लेटे हुए दिखाया गया है, हालांकि तस्वीर का एक हिस्सा काले बॉक्स से ढका है। एक अन्य फोटो में क्लिंटन एक महिला के साथ तैरते नजर आते हैं, जिसे एप्सटीन की करीबी सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल बताया गया है। इसके अलावा पॉप स्टार माइकल जैक्सन की भी एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह एप्सटीन के साथ खड़े दिखाई देते हैं। दस्तावेजों में मिक जैगर, वुडी एलन और नोम चॉम्स्की जैसे नामों का भी जिक्र मिलता है। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने दोहराया है कि किसी नाम या तस्वीर का होना अपने आप में किसी अपराध का प्रमाण नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी कॉन्टैक्ट बुक और फ्लाइट लॉग्स जैसे रिकॉर्ड्स में दर्ज है। न्यूयॉर्क टाइम्स की शुरुआती जांच के मुताबिक ट्रंप से जुड़े अधिकतर दस्तावेज पहले से ही सार्वजनिक थे। ट्रंप और एप्सटीन 1990 के दशक में एक ही सामाजिक दायरे में थे, लेकिन बाद में उनके रिश्ते खत्म हो गए। ट्रंप पर इस मामले में कोई आरोप नहीं है, फिर भी यह मुद्दा उनके लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील बना हुआ है। चुनाव के दौरान उन्होंने सभी फाइल्स जारी करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में लौटने के बाद पारदर्शिता की मांग को उन्होंने डेमोक्रेटिक ‘होक्स’ करार दिया। जुलाई में FBI और न्याय विभाग ने एक मेमो जारी कर कहा था कि एप्सटीन के पास कोई क्लाइंट लिस्ट नहीं थी और ब्लैकमेल के ठोस सबूत नहीं मिले। इस बयान के बाद ट्रंप समर्थकों में भी नाराजगी देखी गई थी।
डेमोक्रेटिक सीनेट नेता चक शूमर ने आंशिक रिलीज को कवर-अप बताते हुए आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया ट्रंप को उनके अतीत से बचाने के लिए अपनाई गई है। वहीं रिपब्लिकन पहले ही डेमोक्रेट्स पर चुनिंदा दस्तावेज सामने लाने और राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगा चुके हैं। अमेरिकी उप न्याय मंत्री टॉड ब्लांश ने कहा है कि शुक्रवार को लाखों दस्तावेज जारी किए गए हैं और आने वाले हफ्तों में और फाइल्स सार्वजनिक की जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चल रही जांच और पीड़ितों की सुरक्षा के कारण कई हिस्सों को जानबूझकर हटाया गया है और इस मामले में कोई नए आरोप तय नहीं किए जा रहे हैं।
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जेफ्री एप्सटीन की मौत 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में हुई थी, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया। हालांकि आज भी इसे लेकर सवाल और साजिश की थ्योरियां बनी हुई हैं। कई लोगों का मानना है कि उसकी हत्या कराई गई थी, क्योंकि वह कई बड़े नामों का खुलासा कर सकता था।