सांकेतिक तस्वीर
Lawsuit Against Japanese Govt over Climate Change: जापान में इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी जो 1898 के बाद सबसे अधिक है। इस असामान्य हीटवेव ने लोगों की सेहत, काम और रोजमर्रा की जिंदगी पर गंभीर असर डाला है। इससे परेशान होकर जापान के लोगों ने ऐसा कदम उठाया है जिसकी चर्चा जापान के साथ पूरी दुनिया में हो रही है।
दरअसल, गर्मी से परेशान होकर सैकड़ों जापानी नागरिक अब सरकार से कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 450 लोगों ने 18 दिसंबर को केंद्र सरकार पर मुकदमा दायर करेंगे। उनका कहना है कि सरकार ने जलवायु परिवर्तन को रोकने या उसके प्रभावों को कम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। उनका तर्क है कि सरकार की निष्क्रियता उनके स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और आजीविका को खतरे में डाल रही है। यह मुकदमा जापान में पहला ऐसा मामला है, जिसमें सीधे सरकार से जलवायु संकट के लिए मुआवजे की मांग की गई है।
इन लोगों में किइची अकियामा नाम के मकान बनाने वाले मजदूर भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ती गर्मी के कारण उनके काम की गति बहुत धीमी हो गई है। यह उन्हें और उनकी टीम को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि हीटवेव की वजह से लोग खेतों में काम करते हुए गिर जाते हैं, या घर लौटते समय हीटस्ट्रोक जैसी परिस्थितियों का शिकार होते हैं।
मुकदमे के पीछे मुख्य तर्क यह है कि बढ़ती गर्मी से फसलें भी खराब हो रही हैं और आर्थिक नुकसान बढ़ रहा है। वादी चाहते हैं कि सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रति जिम्मेदार कदम उठाए और उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करे।
क्योटो यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर मासाको इचिहारा के अनुसार, जापान में पहले भी जलवायु परिवर्तन से जुड़े पांच मुकदमे दायर किए जा चुके हैं। इनमें से कुछ कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के खिलाफ थे। लेकिन यह पहला मौका है जब सरकार की निष्क्रियता को सीधे चुनौती दी गई है और मुआवजे की मांग की गई है। इस मुकदमे को जापान में ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह न केवल सरकार की बेहद अपर्याप्त जलवायु नीतियों की आलोचना करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि नागरिक अब अपनी सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए अदालत तक जा सकते हैं।