एस जयशंकर व शी जिनपिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
S. Jaishankar Xi Jinping Meet: पाँच साल के लंबे अंतराल के बाद, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने चीन पहुँचे हैं।
इस यात्रा ने कूटनीतिक हलकों में एक नई हलचल पैदा कर दी है, खासकर ऐसे समय में जब गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत-चीन संबंध तनावपूर्ण दौर से गुज़र रहे हैं। जयशंकर ने अपनी इस यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी चीन यात्रा के दौरान बीजिंग में उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। वह मंगलवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। वह चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
#WATCH | विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।
(वीडियो सोर्स: बीजिंग, चीन स्थित भारतीय दूतावास) pic.twitter.com/ZEvuWwUNpD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
बैठक से पहले, जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का एक विशेष संदेश दिया। सोशल मीडिया पर इस बैठक की जानकारी देते हुए, एस जयशंकर ने तस्वीरें साझा कीं और एक पोस्ट में लिखा, “मंगलवार सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।
Called on President Xi Jinping this morning in Beijing along with my fellow SCO Foreign Ministers.
Conveyed the greetings of President Droupadi Murmu & Prime Minister @narendramodi.
Apprised President Xi of the recent development of our bilateral ties. Value the guidance of… pic.twitter.com/tNfmEzpJGl
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 15, 2025
जयशंकर ने आगे लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएँ दीं। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति के बारे में जानकारी दी। हम इस संबंध में अपने नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देते हैं।”
इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने और सीमा पर तनाव कम करने पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है, लेकिन इसके लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बहाल करना अनिवार्य है।
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इस बैठक के दौरान, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक स्थिरता और सद्भाव के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत और चीन को सभी विवादों को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की ज़रूरत है। अब इस बैठक को दोनों देशों के बीच जमी बर्फ़ पिघलाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।