बेन गुरियन एयरपोर्ट इजरायल (फोटो- सोशल मीडिया)
तेल अवीव: इजरायल की राजधानी तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट पर यमन के हूती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला किया है। हूती विद्रोहियों की ओर से मिसाइल हमले के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। इजरायल सरकार ने आपातकालीन अलर्ट जारी कर दिया है।
इजरायली सेना (IDF) ने पुष्टि की है कि यमन के हूती की ओर से दागी गई मिसाइलों ने बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हमला किया है। सेना ने बताया कि हमले का अलर्ट मिलने के बाद उन्होंने मिसाइल को हवा में ही रोकने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें असफल रहे और मिसाइल एयरपोर्ट के परिसर के पास एक बाग में आ गिरे। हमले में कुछ इजरायली युवकों को मामूली चोट आई है। इस हमले की कई फुटेज भी सामने आई है। जिसमें लोग चिखते-चिल्लाते हुए इजरायली बोम शेल्टरों की ओर भागते हुए नजर आ रहे हैं।
SMOKE seen rising at Ben Gurion Airport south of Tel Aviv after Houthi missile strike IDF reports there were ‘attempts’ to intercept the missile#ISRAEL #YEMEN pic.twitter.com/64ihMVWg8w — ℂ𝕙𝕖 𝔾𝕦𝕖𝕧𝕒𝕣𝕒 ★ (@cheguwera) May 4, 2025
इसी बीच नेशनल यूनिटी के अध्यक्ष और पूर्व इजरायली मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने सरकार से इस हमले के लिए ईरान को जवाबदेह ठहराने की मांग की। गैंट्ज़ ने एक्स पर लिखा, ‘यह यमन नहीं है, यह ईरान है। यह ईरान है जो इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहा है और उसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’ बेनी गैंट्ज़ ने पिछले साल जून में गाजा में युद्ध पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों से नाराज होकर सरकार सरकार छोड़ दिया था।
हूती विद्रोही यमन में सक्रिय एक इस्लामी राजनीतिक और सैन्य संगठन है। 1990 के दशक में इनका उदय हुआ था, जब उसने यमन सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू किया था। हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है। इसका पूरा नाम ‘अंसार अल्लाह’ (Ansar Allah) है, जिसका मतलब है ‘अल्लाह के सहायक’। यमन सरकार के खिलाफ विरोध और इस्लामी कानूनों को लागू करना इस संगठन का मुख्य मकसदों में से एक है।
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इस युद्ध में अमेरिका यमन सरकार को पैसों और हथियारों के जरिए मदद कर रहा है। अमेरिका पिछले कई हफ्तों से यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकाने पर हवाई हमले कर रहा था। इसमें अमेरिका की मदद सऊदी अरब और इजरायल करते हैं।