इराक की सड़कों पर सन्नाटा, फोटो (सो, सोशल मीडिया)
बगदाद: इराक की सड़कों पर अचानक छा गया सन्नाटा लोगों के लिए चौंकाने वाला था। न कहीं कोई धमाका हुआ, न ही मिसाइल का हमला, फिर भी पूरा माहौल थम-सा गया। दरअसल, इस हफ्ते इराक ने अपने इतिहास के सबसे खतरनाक रेतीले तूफानों में से एक का सामना किया।
इस तूफान ने देश के कई इलाकों को नारंगी धुंध की चादर में लपेट दिया। इसका असर इतना गंभीर था कि यातायात व्यवस्था ठप हो गई और हजारों लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिससे उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा।
बता दें कि रेतीला तूफान इतना तेज आया कि आसमान को नीले से नारंगी रंग में बदल दिया, और इस दौरान दृश्यता इतनी कम हो गई कि एक किलोमीटर तक भी देखना मुश्किल हो गया। हालात इतने खराब हो गए कि दो प्रमुख हवाई अड्डों ने अपनी उड़ानें रोक दीं। इराक के दक्षिणी क्षेत्र के सबसे बड़े शहर, बसरा की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। लोग सांस लेने में कठिनाई महसूस करने लगे, जिसके कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई।
यह तूफान सऊदी अरब से उत्पन्न हुआ था, जहां तेज़ हवाओं ने इसे इराक की ओर खींच लिया। हालांकि, इराक में धूल के तूफान आम हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन और खुले रेतीले इलाकों की वजह से उनकी तीव्रता और गति बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है, खासकर सऊदी अरब और सीरिया जैसे देशों में, जहां रेगिस्तान का विस्तार हो रहा है।
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वहीं, यूरोप में स्टॉर्म हान्स ने फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया। फ्रांस के स्की रिसॉर्ट टिग्नेस को बंद करना पड़ा, जहां एक मीटर तक बर्फ गिरी है। कुछ इलाकों में और एक मीटर बर्फ गिरने की संभावना जताई गई है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
इस बीच, न्यूजीलैंड में चक्रवात टैम ने भारी तबाही मचाई। उत्तरी द्वीप के कुछ हिस्सों में हवाओं की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे पेड़ उखड़ गए, सड़कों पर पानी भर गया और बिजली चली गई। सबसे ज्यादा नुकसान ऑकलैंड के आसपास के इलाकों में हुआ, जहां फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा। इस चक्रवात ने ईस्टर वीकेंड के यात्रा और खेल आयोजनों पर भी प्रभाव डाला।