ईरान ने इजरायली अस्पताल पर किया मिसाइल अटैक
जेरूसलम/तेहरान: मध्य पूर्व में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष अब आम नागरिकों और संवेदनशील ठिकानों को भी निशाना बना रहा है। सातवें दिन ईरान ने बीरशेबा स्थित इजरायली सोरोका अस्पताल पर मिसाइल दाग दी। इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं और अस्पताल को व्यापक क्षति पहुंची है। जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना (IDF) ने तेहरान के पास ईरानी इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर मिसाइल स्ट्राइक कर उसे पूरी तरह तबाह कर दिया है।
ईरान द्वारा गुरुवार को तेल अवीव, रमतगन और होलोन जैसे शहरों में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया गया। फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चार मिसाइलों में से एक ने सीधे सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया। यह दक्षिण इजरायल का एक बड़ा अस्पताल है, जो 10 लाख लोगों को सेवाएं देता है। हमला सुबह के समय हुआ, जब अस्पताल पूरी तरह सक्रिय था। प्रशासन ने तत्काल मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया और आपात सेवाएं चालू रखीं।
Soroka Hospital in Beersheba – where Jews, Muslims, Christians, and Arab Bedouin receive care – was just hit by an indiscriminate Iranian ballistic missile.
Israel will continue to do what must be done to protect all its people, from all walks of life. pic.twitter.com/JNgYYYcz1N
— Israel Foreign Ministry (@IsraelMFA) June 19, 2025
IDF ने भी ईरान के परमाणु ठिकानों के साथ इंटेलिजेंस हब भी तबाह किए
इस हमले के कुछ ही घंटे बाद, इजरायली वायुसेना ने ईरान के अराक हैवी वॉटर रिएक्टर पर मिसाइल अटैक किया। इसके साथ ही एक विशेष ऑपरेशन में तेहरान के पास स्थित ईरानी खुफिया एजेंसी का मुख्यालय भी निशाना बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक, इस ठिकाने से इजरायल के खिलाफ रणनीति बनाई जा रही थी। IDF के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने पुष्टि की कि यह हमला सैन्य सूचना के आधार पर किया गया और इसमें कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए हैं।
खामनेई की धमकी और अमेरिका की एंट्री के संकेत
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर वह इस संघर्ष में कूदा, तो अंजाम बेहद गंभीर होंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने स्थिति की निगरानी तेज कर दी है और मध्य पूर्व में नौसेना की तैनाती बढ़ा दी है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इजरायल से परमाणु ठिकानों पर हमला न करने की अपील की है।
तेहरान के अराक रिएक्टर पर हमला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि यह प्लूटोनियम उत्पादन के लिए जाना जाता है, जिसका उपयोग परमाणु हथियारों में हो सकता है। ईरान इस रिएक्टर के जरिए परमाणु ताकत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।