सर्जियो गोर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
India US Relations: भारत में अमेरिकी राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित सर्जियो गोर ने कहा है कि अमेरिका ने अगले सप्ताह वाशिंगटन में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है और दोनों देशों के बीच समझौते की दिशा में बातचीत जारी है। उन्होंने बताया, “हम वर्तमान में भारतीय पक्ष के साथ बातचीत कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने उनके वाणिज्य और व्यापार मंत्रियों को अगले हफ्ते वाशिंगटन आने और राजदूत गोर से मिलने के लिए आमंत्रित किया है। इस मुलाकात में एक संभावित समझौते पर चर्चा होगी। हम समझौते के अंतिम चरण के बेहद करीब हैं और बारीकियों पर बातचीत जारी है।”
सर्जियो गोर ने वाशिंगटन की उस प्रतिबद्धता को दोहराया जो क्वाड समूह भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रति है। उन्होंने कहा कि यह समूह “अत्यंत महत्वपूर्ण” है और इशारा दिया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस साल के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं।
गोर ने आगे बताया कि राष्ट्रपति क्वाड की बैठकें जारी रखने और इसे मजबूत करने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं, और अगली क्वाड बैठक के लिए उनकी यात्रा पर पहले ही बातचीत हो चुकी है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पदभार संभालने के सिर्फ एक घंटे के भीतर क्वाड के अन्य विदेश मंत्रियों से मुलाकात की थी।
गोर ने भारत-चीन संबंधों पर कहा कि, भले ही भारत-अमेरिका के रिश्तों में कुछ चुनौतियां मौजूद हों, उनका मानना है कि ये रिश्ते चीन के साथ अमेरिकी रिश्तों की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत और मधुर हैं। उन्हें उम्मीद है कि भारत हमारे पक्ष में खड़ा होगा और चीन से दूरी बनाएगा। उन्होंने आगे कहा कि “सिर्फ पांच साल पहले भारत और अमेरिका सीधे संघर्ष में थे। सच कहूं तो, अमेरिका चीन के विस्तारवाद को लेकर चिंतित है। यह केवल भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र में फैला है। हमारे और भारत के बीच इस मुद्दे पर बहुत सारी साझा चिंताएं हैं, जैसे कि क्षेत्र के अन्य देशों के साथ। इसे हम उच्च प्राथमिकता देंगे।”
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गोर ने ब्रिक्स समूह में भारत की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि भारत इस समूह में एक स्थायी समाधान के रूप में योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा, “ब्रिक्स के भीतर विभिन्न मुद्दों पर भारत हमारे साथ रहा है। कई ब्रिक्स देश, जैसे ब्राजील और चीन, अमेरिकी डॉलर से दूर जाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत ने इसमें एक संतुलित और सक्रिय भूमिका निभाई है। अन्य ब्रिक्स देशों की तुलना में भारत हमारे साथ जुड़ने और सहयोग करने के लिए अधिक खुला और इच्छुक रहा है।”
( आईएएनएस इनपुट के साथ )