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भारत-रूस की ताकत हुई दोगुनी, RELOS समझौते पर पुतिन की मुहर; इसके क्या होंगे फायदे?

What is RELOS: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस RELOS सैन्य समझौते को मंजूरी दी है, जिससे दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के ठिकानों पर लॉजिस्टिक सहयोग के साथ तैनात हो सकेंगी।

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: Dec 15, 2025 | 11:33 PM

भारत-रूस की ताकत हुई दोगुनी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)

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India Russia RELOS Agreement: भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक और रक्षा संबंधों में एक अहम अध्याय जुड़ गया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस के बीच हुए रिसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) सैन्य समझौते को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ ही दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की जमीन पर कानूनी रूप से तैनात होने और सैन्य उपकरणों के संचालन की अनुमति मिल जाएगी।

क्रेमलिन के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने सोमवार को इस समझौते को मंजूरी देने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 18 फरवरी 2025 को भारत और रूस के बीच साइन किया गया था। इसके बाद नवंबर महीने में इसे रूसी संसद की मंजूरी के लिए भेजा गया। 2 दिसंबर को रूस की निचली संसद स्टेट ड्यूमा ने इसे पास किया, जबकि 8 दिसंबर को ऊपरी सदन काउंसिल ऑफ फेडरेशन ने भी इस पर मुहर लगा दी। दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद यह दस्तावेज राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।

क्या है RELOS समझौता?

RELOS समझौते के लागू होने के बाद भारत और रूस की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों, एयरबेस, नौसैनिक बंदरगाहों और अन्य सैन्य सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगी। इसके तहत दोनों देश आपसी सहमति से ईंधन, भोजन, मरम्मत, परिवहन, उपकरण और अन्य लॉजिस्टिक सहायता उपलब्ध करा सकेंगे। इससे संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और सैन्य अभियानों के दौरान तालमेल और गति में उल्लेखनीय सुधार होगा।

एक-दूसरे के बंदरगाहों में ठहरने की अनुमति

यह समझौता केवल सैन्य अभ्यास तक सीमित नहीं है। इसका इस्तेमाल मानवीय सहायता, प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों और अन्य विशेष परिस्थितियों में भी किया जा सकेगा। रूसी कैबिनेट के मुताबिक, RELOS के तहत दोनों देशों के सैन्य विमान एक-दूसरे के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर सकेंगे, जबकि युद्धपोतों को एक-दूसरे के बंदरगाहों में ठहरने की अनुमति होगी। इससे जरूरत पड़ने पर सैनिकों और सैन्य उपकरणों को तेजी से सपोर्ट मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें:-  भारत-नेपाल यात्रा करने वालों के लिए गुड न्यूज, अब सीमा पार ले जा सकेंगे 200-500 के भारतीय नोट

रणनीतिक दृष्टि से यह समझौता बेहद अहम माना जा रहा है। इससे भारत-रूस रक्षा सहयोग और गहरा होगा, वहीं रूस को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी समुद्री और सैन्य मौजूदगी बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक सुरक्षा हालात के बीच यह समझौता दोनों देशों के लिए सामरिक और कूटनीतिक रूप से एक मजबूत कदम साबित होगा।

India russia power doubles putin s seal on relos agreement what will be the benefits

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Published On: Dec 15, 2025 | 11:33 PM

Topics:  

  • India
  • Russia
  • Vladimir Putin
  • World News

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