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UNGA में भारत की पाकिस्तान को दो टूक, कहा- ‘आग लगाने वाला, आग बुझाने का दिखावा करता है

  • By आसिफ सईद
Updated On: Sep 25, 2021 | 10:44 AM

Photo:Twitter

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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) (यूएनजीए) (UNGA) में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) के कश्मीर (Kashmir) मुद्दे का राग अलापने पर भारत (India) ने उसके जवाब में कहा कि, पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक-टोक आ जा सकते हैं। वह ‘‘आग को भड़काने वाला” है जबकि खुद को ‘‘आग बुझाने वाले” के रूप में पेश करने का दिखावा करता है और पूरी दुनिया को उसकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि पाक आतंकवादियों को पालता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को कहा, ‘‘पाकिस्तान के नेता द्वारा भारत के आंतरिक मामलों को विश्व मंच पर लाने और झूठ फैलाकर इस प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने के एक और प्रयास के प्रत्युत्तर में हम जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

युवा भारतीय राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा, ‘‘इस तरह के बयान देने वालों और झूठ बोलने वालों की सामूहिक तौर पर निंदा की जानी चाहिए। ऐसे लोग अपनी मानसिकता के कारण सहानुभूति के पात्र हैं।” दुबे ने कहा, ‘‘हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान ‘आतंकवाद का शिकार’ है। यह वह देश है जिसने खुद आग लगायी है और आग बुझाने वाले के रूप में खुद को पेश करता है। पाकिस्तान आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल अपने पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। क्षेत्र और वास्तव में पूरी दुनिया को उनकी नीतियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर, वे अपने देश में सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवादी कृत्यों के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।”

खान ने अपने संबोधन में पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले और पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बारे में बात की। जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए दुबे ने दृढ़ता से दोहराया कि समूचे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख ‘‘हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।”

खान और अन्य पाकिस्तानी नेताओं और राजनयिकों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा और विश्व संगठन के अन्य मंचों पर अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर और भारत के अन्य आंतरिक मामलों के मुद्दे को लगातार उठाया है। कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयासों को अंतराष्ट्रीय समुदाय और सदस्य देशों से कोई फायदा नहीं हुआ है, क्योंकि वे मानते हैं कि कश्मीर दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय मामला है। दुबे ने कहा कि यह खेदजनक है और यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठ फैलाने और दुष्प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का ‘‘दुरुपयोग” किया है और दुनिया का ध्यान अपनी ओर से हटाने का भरसक प्रयास किया है। उनके देश में जहां आतंकवादी बेरोक टोक खुलेआम आ जा सकते हैं, जबकि आम लोगों विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का जीवन इसके उलट हो जाता है।”

इस महीने अंतरराष्ट्रीय समुदाय ‘‘भीषण 9/11 आतंकी हमलों के 20 साल पूरा होने पर घटना को याद कर रहा है।” दुबे ने कहा कि दुनिया यह नहीं भूली है कि ‘‘उस भयावह घटना के लिए जिम्मेदार मुख्य साजिशकर्ता ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण मिली थी। आज भी, पाकिस्तानी नेतृत्व उसे ‘शहीद’ के रूप में महिमामंडित करता है।” उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि आज भी हमने पाकिस्तान के नेता को आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते सुना। आधुनिक दुनिया में आतंकवाद का ऐसा बचाव अस्वीकार्य है।” दुबे ने कहा कि भारत, ‘‘पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ” सामान्य संबंध चाहता है।

हालांकि, भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान को इस दिशा में अनुकूल माहौल बनाने के वास्ते ईमानदारी से काम करना होगा, जिसमें विश्वसनीयता, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है। उन्होंने कहा कि सदस्य देश इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का एक स्थापित इतिहास और आतंकवादियों को पनाह देने, उनकी सहायता करने और खुलकर समर्थन करने की नीति रही है।

दुबे ने कहा कि विश्वभर में माना जाता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का खुले तौर पर समर्थन करता है, उन्हें प्रशिक्षण देता है, उन्हें धन मुहैया कराता है और उन्हें हथियार देता है। भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादियों को रखने का घटिया रिकॉर्ड पाकिस्तान के पास है।” उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ऐसा देश भी है जो हमारे क्षेत्र में और अब के बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार को अंजाम देने का प्रयास करता है, जिसे हम इतिहास की उस भयानक घटना के 50 साल पूरा होने के रूप में याद करते हैं, जबकि पाकिस्तान की ओर से इस संबंध में कभी भी कोई जवाबदेही नहीं ली गई। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक – सिख, हिंदू, ईसाई – के निरंतर भय के साये में जीने और राज्य प्रायोजित दमन का शिकार होने को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान एक ऐसा शासन है जहां इसके नेतृत्व द्वारा यहूदी-विरोधीवाद को सामान्य बताया जाता है और यहां तक ​​कि इसे उचित भी ठहराया जाता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘असहमति की आवाजों को रोज दबा दिया जाता है और अगवा करने तथा न्यायेतर हत्याओं को अच्छी तरह से कागजों पर निपटा दिया जाता है।” दुबे ने कहा कि इसके विपरीत भारत अल्पसंख्यकों की पर्याप्त आबादी वाला एक बहुलवादी लोकतंत्र है, जिन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीशों और सेना प्रमुखों सहित देश में सर्वोच्च पदों पर कार्य किया है। भारत एक स्वतंत्र मीडिया और एक स्वतंत्र न्यायपालिका वाला देश भी है जो हमारे संविधान पर नजर रखता है और उसकी रक्षा करता है। भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘बहुलवाद एक अवधारणा है जिसे पाकिस्तान के लिए समझना बहुत मुश्किल है, जो संवैधानिक रूप से अपने अल्पसंख्यकों को राज्य के उच्च पदों की इच्छा रखने से रोकता है। विश्व मंच पर खुद को उपहास का पात्र बनाने और खुद को उजागर करने से पहले वे कम से कम आत्मनिरीक्षण कर सकते हैं।”

खान ने शुक्रवार को ‘संयुक्त राष्ट्र आम चर्चा में लगभग 25 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति कश्मीर मुद्दे के र्वमाधान पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों की तरह भारत के साथ भी ‘शांति’ चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू कश्मीर के समाधान पर निर्भर है।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा से गिलानी के पार्थिव शरीर को उचित इस्लामी रस्मों के साथ ‘‘शहीदों के कब्रिस्तान” में दफनाने की अनुमति मांगी। खान ने अफगानिस्तान पर कहा, ‘‘किसी कारण से अमेरिका और यूरोप के नेता इन घटनाओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहे हैं। इस मंच से मैं सभी को यह बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान के अलावा जिस देश को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, वह पाकिस्तान ही है, जब हम 9/11 की घटना के बाद आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध में शामिल हुए।”

उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो कुछ भी झेला है उसका एकमात्र कारण यह है कि हम अफगानिस्तान युद्ध में अमेरिका और गठबंधन देशों के सहयोगी थे। अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में हमले किए जा रहे थे। कम से कम तारीफ के एक बोल तो होने चाहिए लेकिन इसके बजाय कल्पना कीजिए कि अफगानिस्तान में घटनाओं के लिए दोषी ठहराए जाने पर हमें कैसा महसूस हुआ होगा।” (एजेंसी) 

India in unga to pakistan the incendiary pretends to extinguish the fire

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Published On: Sep 25, 2021 | 10:44 AM

Topics:  

  • Imran Khan
  • India
  • Pakistan
  • United Nations General Assembly

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