इस्माइल रॉयर व हमजा युसुफ (सोर्स- सोशल मीडिया)
वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप सरकार में दो पूर्व जिहादियों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। इनके नाम इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ हैं। इन पर आरोप है कि ये साल 2000 में पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप में गए थे। अब इन्हें व्हाइट हाउस बोर्ड में सदस्य नियुक्त किया गया है।
अमेरिकी खोजी पत्रकार लॉरा लूमर की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस एडवाइजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में 2 पूर्व जिहादियों को नियुक्त किया गया है, जिसकी घोषणा व्हाइट हाउस की आधिकारिक वेबसाइट पर की गई है। इस्माइल रॉयर और जैतुना कॉलेज के सह-संस्थापक शेख हमजा यूसुफ दोनों को इस्लामिक जिहादियों से जुड़े होने के बावजूद लिस्ट में शामिल किया गया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैंने एक्सक्लूसिव तौर पर इस घोषणा की रिपोर्ट की है कि अमेरिकियों को निशाना बनाने वाली आतंकवादी गतिविधियों के लिए 20 साल जेल की सजा काटने वाले जिहादी इस्माइल रॉयर को आज व्हाइट हाउस एडवाइजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स का सदस्य घोषित किया गया है। मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि शेख हमजा यूसुफ भी एक जिहादी है, जिसने जिहाद की सही परिभाषा के बारे में झूठ बोला है और वह मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि 9/11 से दो दिन पहले, यूसुफ ने जमील अल अमीन के लिए धन जुटाने वाले कार्यक्रम में भाषण दिया था, जिस पर एक पुलिस अधिकारी की हत्या के लिए मुकदमा चल रहा था। अपने भाषण के दौरान यूसुफ ने अमेरिका पर नस्लवादी देश होने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अल-अमीन को फंसाया गया है। अल-अमीन को अगले वर्ष हत्या का दोषी ठहराया गया। यूसुफ ने यह भी कहा कि शेख उमर अब्देल रहमान, जिसे 1990 में न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक स्थलों पर बम विस्फोट की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था, पर अन्यायपूर्ण तरीके से मुकदमा चलाया गया।
EXCLUSIVE:
🚨 Islamic JIHADIST who traveled to Pakistan to train in an Islamic terror camp and served a 20 year prison sentence in the US for Jihadi terrorist activities has now been listed as a member of the White House Advisory Board of Lay Leaders, Announced Today on the… pic.twitter.com/d1HHHGUFYX
— Laura Loomer (@LauraLoomer) May 17, 2025
अमेरिकी खोजी पत्रकार लॉरा लूमर के अनुसार, मुस्लिम ब्रदरहुड हमास जिहादी इस्माइल रॉयर, जिसे DOJ ने आतंकवादी शिविर में प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान की यात्रा करते हुए पाया था और जो वर्जीनिया जिहादी नेटवर्क का हिस्सा था जिसने अमेरिका पर हमला करने के लिए इस्लामी आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया था और जिसकी FBI द्वारा जांच की गई थी, अब व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में है, जिसकी घोषणा आज की गई।
लॉरा लूमर ने आगे कहा कि 2003 में, रॉयर पर आतंकवाद से संबंधित आरोपों में अभियोग लगाया गया था, जिसमें अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश और अल-कायदा और लश्कर की मदद करना शामिल था। उन्होंने 2004 में विस्फोटकों के इस्तेमाल में सहायता करने और उसे बढ़ावा देने का दोष स्वीकार किया, जिसके लिए उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई और उन्होंने 13 साल जेल में बिताए।
भारत के नक्शेकदम पर पाकिस्तान: विदेश भेजेगा सांसदों का डेलिगेशन, बिलावल भुट्टो संभालेंगे कमान
उन्होंने आगे कहा कि आज व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि ट्रम्प प्रशासन ने अपने धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के नाम बताए हैं। यह संभवतः राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा नहीं बल्कि उनके कर्मचारियों द्वारा किया गया था। मुझे संदेह है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इसमें शामिल थे। व्हाइट हाउस के सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में नामित लोगों में से एक इस्माइल रॉयर हैं।