हनुमान जयंती पर नेपाल में बवाल, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
काठमांडू: हनुमान जयंती के मौके पर शनिवार को न केवल भारत, बल्कि नेपाल में भी भारी तनाव देखने को मिला। नेपाल के परसा जिले के बीरगंज शहर में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिससे हालात बिगड़ गए। स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन को बीरगंज बाजार क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में शामिल होने के आरोप में कम से कम 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हर साल की तरह इस साल भी बीरगंज में हनुमान जयंती के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया था। जब यह शोभायात्रा छपकैया इलाके में पहुंची, तभी एक मदरसे की छत से कुछ अराजक तत्वों ने यात्रा पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस पत्थरबाजी में करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी और शोभायात्रा में शामिल कई श्रद्धालु घायल हो गए। स्थिति तनावपूर्ण होते ही हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
इस घटना में कई पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों को चोटें आईं। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जिला प्रशासन ने भारत की सीमा से लगे बिहार के रक्सौल के पास स्थित बीरगंज शहर के मध्य क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक सूचना में बताया गया कि हनुमान जयंती के दौरान उपजे तनाव के चलते बीरगंज मेट्रोपॉलिटन सिटी के वार्ड नंबर 14, 15, 16 और 25 में शनिवार शाम 6:30 बजे से रविवार दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।
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पुलिस ने बताया कि ‘‘घंटाघर क्षेत्र से शुरू होकर शहर के अन्य मुख्य इलाकों की ओर बढ़ रही शोभा यात्रा के दौरान हुए विवाद में कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक घायल हो गए।’’ स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए बीरगंज में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन के आदेशानुसार, मध्य बीरगंज में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, जिसके तहत आम लोगों की आवाजाही, रैलियों, सभाओं, विरोध प्रदर्शन और जन एकत्रण पर रोक लगा दी गई है।
शोभा यात्रा के संयोजक और विश्व हिंदू परिषद के महासचिव जितेंद्र सिंह ने पथराव की घटना की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे सामाजिक एकता और सद्भाव को भंग करने वाला कृत्य बताया। नेपाल में विश्व हिंदू परिषद और अन्य धार्मिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो अगले दिन पूरा शहर बंद किया जाएगा।