मार्क कार्नी और डोनाल्ड ट्रंप, फोटो - सोशल मीडिया
ओटावा : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नया टैरिफ लगा दिया है, जसिमें कनाडा पर 25 फीसदी ऑटो टैरिफ लगाया गया है। इसे लेक लेकर कनाडा ने भी पलटवार कर दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने गुरुवार, 03 अप्रैल को कहा कि कनाडा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 25 प्रतिशत ऑटो टैरिफ की बराबरी अमेरिका से आयातित वाहनों पर टैरिफ से करेगा।
बता दें, ट्रंप द्वारा पहले घोषित ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ गुरुवार से ही प्रभावी हो गए। कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने कहा कि उन्होंने पिछले सप्ताह ट्रंप से फोन पर बात करते हुए कहा था कि वे उन टैरिफ के लिए जवाबी कार्रवाई भी करेंगे।
कनाडियन पीएम कार्नी ने आगे यह भी कहा कि हम ये कदम उठाना नहीं चाहते थे लेकिन हमें अब यह कदम उठाना पड़ रहा है। इससे अमेरिका में अधिकतम प्रभाव पड़ेगा और कनाडा में न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा।
कनाडियन पीएम कार्नी का कहना है कि कनाडा ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ नहीं लगाएगा जैसा कि ट्रंप ने लगाया है, क्योंकि उन्होंने कहा कि कनाडाई एकीकृत ऑटो सेक्टर के लाभों को जानते हैं। ओंटारियो या मिशिगन में पूरी तरह से असेंबल होने से पहले पार्ट्स कई बार कनाडा-अमेरिका सीमा पर आते-जाते रहते हैं।
पीएम कार्नी ने कहा कि कनाडाई लोग पहले से ही इसका असर देख रहे हैं। ऑटोमेकर स्टेलेंटिस ने कहा कि उसने 7 अप्रैल से दो सप्ताह के लिए कनाडा के विंडसर में अपना असेंबली प्लांट बंद कर दिया है, स्थानीय यूनियन ने बुधवार देर रात कहा। यूनिफोर लोकल 444 के अध्यक्ष जेम्स स्टीवर्ट ने कहा कि आने वाले हफ्तों में शेड्यूल में और बदलाव होने की उम्मीद है।
ऑटो कनाडा का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात है और इस क्षेत्र में 125,000 कनाडाई सीधे तौर पर और लगभग 500,000 अन्य संबंधित उद्योगों में कार्यरत हैं। ट्रंप ने पहले कनाडाई स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 34 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा करने के बाद, बीजिंग ने इसे तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है। चीन अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा आयात बाजार है और अगर वाशिंगटन टैरिफ वापस नहीं लेता है, तो उसके खिलाफ सख्त जवाबी कदम उठाए जाएंगे।
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चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बीजिंग अमेरिका के जवाबी टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा। इतिहास बताता है कि टैरिफ बढ़ाने से अमेरिका की अपनी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।