कंबोडिया ने युद्धविराम की लगाई गुहार, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Thailand Cambodia War: दक्षिण-पूर्व एशिया एक बार फिर तनाव की आग में झुलस रहा है। पिछले दो दिनों से थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी हिंसक झड़पों में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग अपने घरों से बेघर होने को मजबूर हो गए हैं। हालात बिगड़ते देख कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से बिना किसी शर्त के ‘तत्काल युद्धविराम’ की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र में कंबोडिया के राजदूत चेया केओ ने अपील की है कि सीमा पर जारी हिंसा को तुरंत रोका जाए और इस तनाव का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाए। दूसरी ओर, थाईलैंड की तरफ से इस अपील पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। थाईलैंड ने एहतियातन सीमा से लगे आठ जिलों में मार्शल लॉ लागू कर दिया है। देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचयाचाई ने चेतावनी दी है कि हालात तेजी से युद्ध की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि संघर्ष अब केवल गोलीबारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारी हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है और यह टकराव 12 इलाकों में फैल चुका है।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच गुरुवार से शुरू हुआ सीमा विवाद अब तीसरे दिन भी जारी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। शुरुआती हल्की गोलीबारी अब बड़े स्तर पर तोपों की गोलाबारी और हवाई हमलों में तब्दील हो चुकी है। पहली बार थाईलैंड ने अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ घरेलू रूप से विकसित ड्रोन को युद्ध के मोर्चे पर उतारा है।
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इन छोटे ड्रोन में एम472 मोर्टार बम लगाए गए हैं, जो सीधे कंबोडिया के हथियार गोदामों, तोपखाना ठिकानों और रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम को निशाना बना रहे हैं और भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। थाई सेना का दावा है कि एक हमले में सोवियत-निर्मित आरएम-70 ग्रैड रॉकेट सिस्टम को भी नष्ट कर दिया गया है, जो कंबोडिया की हमलावर क्षमता के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर स्थित प्रीह-विहार मंदिर ही दोनों देशों के बीच विवाद का केंद्र है। माना जाता है कि यह मंदिर 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच खमेर साम्राज्य के शासकों ने बनवाया था। भगवान शिव को समर्पित यह अद्भुत मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। चूंकि यह मंदिर दोनों देशों की सीमारेखा के करीब स्थित है, इसलिए लंबे समय से यह टकराव का कारण बना हुआ है।