बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर लगाया बैन (सोर्स-सोशल मीडिया)
Sheikh Hasina Party Election Ban: बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े युग का अंत होता नजर आ रहा है क्योंकि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने पुष्टि की है कि फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों में शेख हसीना की पार्टी की कोई भागीदारी नहीं होगी।
1971 में देश की आजादी के बाद यह पहला मौका होगा जब यह ऐतिहासिक दल चुनावी मैदान से गायब रहेगा। सरकार के इस सख्त रुख ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई बहस छेड़ दी है।
अवामी लीग पर यह संकट अचानक नहीं आया है, इसकी शुरुआत मई 2025 में हुई थी जब अंतरिम सरकार ने पार्टी की गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले इसके छात्र संगठन ‘छत्र लीग’ को भी प्रतिबंधित किया जा चुका था।
स्थिति तब और अधिक गंभीर हो गई जब 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान को मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई। इन कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाहियों ने अवामी लीग की वापसी के सभी रास्तों को लगभग बंद कर दिया है।
अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखने के फैसले पर अमेरिका ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। अमेरिकी कांग्रेस के पांच प्रभावशाली सांसदों ने मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि किसी प्रमुख राजनीतिक दल को प्रतिबंधित करना लोकतांत्रिक साख को कमजोर कर सकता है।
हालांकि, बांग्लादेशी प्रशासन ने इन चिंताओं को दरकिनार करते हुए स्पष्ट किया है कि “भगोड़ों” और “अपराधियों” के नेतृत्व वाले दल के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि सरकार का रुख इस मामले में अटल है और अवामी लीग का पंजीकरण रद्द होने के कारण वह चुनाव का हिस्सा नहीं बन सकती।
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भले ही अवामी लीग आधिकारिक रूप से चुनाव से बाहर है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी का एक बड़ा जनाधार अभी भी बांग्लादेश में मौजूद है। खुद शेख हसीना ने चेतावनी दी है कि अगर उनके समर्थकों को विकल्प नहीं दिया गया, तो वे मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार कर सकते हैं।
यह स्थिति देश में भविष्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। अवामी लीग की अनुपस्थिति में फरवरी 2026 के चुनाव कितने समावेशी और निष्पक्ष माने जाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। फिलहाल, बांग्लादेश का राजनीतिक भविष्य पुरानी ताकतों को पूरी तरह मिटाकर एक नई व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।