ईलैंड कंबोडिया सैन्य विवाद, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
बैंकॉक: भारत और पाकिस्तान के बाद अब एशिया के दो और देशों में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। थाईलैंड और कंबोडिया ने सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं। थाईलैंड के रक्षा मंत्री ने शनिवार को बताया कि कंबोडिया की तरफ से सैनिकों की बढ़ोतरी के बाद, थाईलैंड ने विवादित सीमा क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी मजबूत कर दी है।
इसे पूर्वी एशिया में शांति प्रयासों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दोनों देशों के चीन के साथ मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते भी हैं। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के समूह, आसियान के वर्तमान अध्यक्ष और मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने शांति स्थापित करने के कई प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
अनिर्धारित सीमा क्षेत्र में 28 मई को एक छोटी झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद से दोनों दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। कई दिनों से, दोनों सरकारें बातचीत के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए सावधानी से बयान जारी कर रही हैं। हालांकि, थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने बताया कि कंबोडिया ने गुरुवार को हुई द्विपक्षीय बैठक में उन प्रस्तावों को ठुकरा दिया, जिनसे इस तनाव को कम किया जा सकता था।
फुमथम ने एक बयान में कहा कि सैन्य उपस्थिति को बढ़ा दिया गया है, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इस स्थिति को देखते हुए, रॉयल थाई सरकार ने अतिरिक्त कदम उठाने और अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करने का फैसला किया है। हालांकि, दोनों पक्षों द्वारा सीमा पर सैनिकों की तैनाती के बारे में उन्होंने ज्यादा जानकारी साझा नहीं की।
शनिवार को जारी एक अन्य बयान में, थाई सेना ने कहा कि कंबोडियाई सैनिकों और नागरिकों ने बार-बार थाईलैंड की सीमा में घुसपैठ की है। थाई सेना ने इसे उकसावे और सैन्य बल तैनात करने की स्पष्ट कोशिश बताया और कहा कि वे कंबोडिया के साथ सीमा पर सभी थाई चौकियों पर अपना नियंत्रण स्थापित करेंगे।
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगभग 817 किलोमीटर लंबी एक साझा भूमि सीमा है। पिछले सौ सालों से इस सीमा के कई हिस्सों पर दोनों देशों के बीच संप्रभुता को लेकर विवाद चलता आ रहा है। यह सीमा सबसे पहले 1907 में फ्रांस द्वारा मानचित्र पर दर्शाई गई थी, जब कंबोडिया फ्रांस का उपनिवेश था। 2008 में, दोनों देशों के बीच एक 11वीं शताब्दी के हिंदू मंदिर को लेकर विवाद हुआ, जिसके कारण कई सालों तक झड़पें जारी रहीं और कम से कम बारह लोगों की मौत हुई। इस विवाद के दौरान 2011 में तोपों की गोलीबारी भी हुई, जो एक हफ्ते तक चली।
कंबोडिया ने इस सप्ताह घोषणा की है कि वह सीमा के चार विवादित क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाएगा और थाईलैंड से सहयोग करने का आग्रह किया है। वहीं, फुमथम ने शनिवार को कहा कि थाईलैंड न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार नहीं करता और सुझाव दिया कि सीमा से जुड़े सभी मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।