बंगाल में एसआईआर।
Bengal SIR Updates: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान 58 लाख से अधिक नाम वोटर लिस्ट से बाहर हो गए हैं। राज्य में अब तक मरे हुए वोटरों की संख्या 24 लाख 18 हजार 699 हैं। इसके अतिरिक्त 12 लाख 1 हजार 462 लोग अपने पते पर नहीं मिले हैं। अगर, संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) किसी वोटर को ढूंढने के लिए उसके घर 3 या उससे ज्यादा बार जाता है और उसके बाद भी वोटर नहीं मिलता है तो उसे मिसिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है।
राज्य में कुल 19 लाख 93 हजार 87 वोटरों ने अपना पता बदल लिया है। इनके नाम एक से ज्यादा जगहों की वोटर लिस्ट में थे। चुनाव आयोग ने राज्य में 1 लाख 37 हजार 575 वोटरों की पहचान बतौर फर्जी की है। उनके नाम भी ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त 57509 और लोगों को अन्य लिस्ट में रखा गया था, उन्हें बाहर किया गया।
16 दिसंबर को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट पब्लिश किया जाएगा। लिस्ट में कोई शिकायत या गलती है तो कमीशन को बताया जाए। उसके आधार पर सुनवाई की जाएगी। आयोग सबूतों को सत्यापित करने के बाद अंतिम सूची तैयार करेगा।
बंगाल में एसआईआर को लेकर 99.99 फीसदी फॉर्म बांटे जा चुके हैं। 99.86 फीसदी फॉर्म डिजिटाइज हुए हैं। अब तक 58 लाख वोटरों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है। ऐसे में इन वोटरों के नाम फाइनल वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं।
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उत्तर प्रदेश में भी पहले 16 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची पब्लिश की जानी थी। इसे चुनाव आयोग ने बढ़ाकर 31 दिसंबर किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी वैध मतदाता को सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। फरवरी में फाइनल मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद नए वोटरों को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए फॉर्म-6 भरने की कवायद जारी रहेगी। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार, 91 फीसदी से अधिक गणना फॉर्म बांटे गए हैं। इनमें से 80 फीसदी वोटर फॉर्म जमा कर दिए हैं। 76 फीसदी वोटरों की 2003 की वोटर लिस्ट से मैपिंग पूरी हो चुकी है। 18 फीसदी वोटर ऐसे हैं, जिन तक फॉर्म पहुंच नहीं सका है। इन्हें सत्यापन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।