प्रतीकात्मक फोटो- बीएसएफ जवान
कोलकाताः भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है। शेख हसीना की सरकार जाने के बाद ढाका की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने हिंदुओं पर जुल्म किया है। इससे पूरे देश में भारत विरोधी शक्तियां मजबूत हो गई हैं। कई दशकों से भारत और बांग्लादेश की सीमा पर शांति रही है, लेकिन ऐसा लग रहा कि अब वो दिन दूर नहीं जब सीमा सैनिकों को अलर्ट रहना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बांग्लादेशी अपराधियों ने BSF जवान को किडनैप कर लिया।
जानकारी के मुताबिक किडनैपर कथित तौर पर बांग्लादेशी अपराधी थे। इन लोगों ने बीएसफ जवान को घसीट कर अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार लेकर चले गए। हालांकि, कुछ घंटे बाद जवान को छोड़ दिया गया। बीएसफ के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना जिले के नूरपुर के सुतियार में सीमा सुरक्षा बल शिविर के नजदीक चांदनी चौक के निकट तड़के हुई।
भारत की सीमा से किडनैप हुआ बीएसएफ जवान
किडनैप हुआ जवान बीएसएफ की 71वीं बटालियन में तैनात है। उसका नाम श्रीगणेश बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश की तरफ से आरोप लगाया कि जवान को भारत की सीमा पार गया था। इसलिए उसे पकड़ा गया था। बीएसफ की जांच में पता चला कि जवान घुसपैठियों का पीछा कर रहा था। वह बंग्लादेश की सीमा में नहीं बल्कि भारत में ही था। उसे जबरन घसीट कर बांग्लादेश की सीमाक्षेत्र में ले जाया गया था।
मानवता के चक्कर में फंस गया जवान
एक बीएसएफ अधिकारी के हवाले से बताया जा रहा है कि जवान ने मानवीयता अपनाई और बांग्लादेशियों को बातचीत के लिए पास आने दिया, लेकिन वे अपराधी निकले और जवान को अगवा कर लिया। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, जवान कथलिया गांव के पास बांग्लादेश की ओर से घुसपैठ की कोशिश को रोकने का प्रयास कर रहा था, तभी उसे बांग्लादेश के चपई नवाबगंज जिले के असामाजिक तत्वों ने पकड़ लिया।
बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड से बातचीत के बाद छूटा बीएसएफ जवान
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने कहा ‘जवान को बांग्लादेशी नागरिकों ने अगवा कर लिया था और बंदी बनाकर रखा था, लेकिन जब हमने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के समक्ष इस मुद्दे को उठाया तो कुछ घंटों के भीतर ही उसे रिहा कर दिया गया। जवान अब हमारे साथ है और ठीक है।’