जस्टिस सूर्यकांत ने आज देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश को रूप में शपथ लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। हरियाणा से आने वाले वे पहले सीजेआई हैं। 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में भूमिका निभाई, जिनमें अनुच्छेद 370 की वैधता, राजद्रोह कानून पर रोक, और वन रैंक वन पेंशन योजना को बरकरार रखना शामिल है। उनकी बेंच ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक की जांच के लिए कमेटी गठित की और एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का निर्देश भी दिया।
जस्टिस सूर्यकांत ने आज देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश को रूप में शपथ लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। हरियाणा से आने वाले वे पहले सीजेआई हैं। 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली। उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसलों में भूमिका निभाई, जिनमें अनुच्छेद 370 की वैधता, राजद्रोह कानून पर रोक, और वन रैंक वन पेंशन योजना को बरकरार रखना शामिल है। उनकी बेंच ने पीएम मोदी की सुरक्षा चूक की जांच के लिए कमेटी गठित की और एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का निर्देश भी दिया।