माफिया डॉन विनय त्यागी
Don Vinay Tyagi: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन विनय त्यागी की एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। हरिद्वार में हुए हमले के बाद से वह वेंटिलेटर पर था। आज एम्स में उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। गौरतलब है कि तीन दिन पहले हरिद्वार में उस समय बदमाशों ने उस पर हमला किया था, जब पुलिस उसे कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी।
एक पुल पर पुलिस वाहन को घेरकर नकाबपोश बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की मौजूदगी में ही बदमाश कई राउंड गोलियां चलाते रहे और मौके से फरार हो गए। बुधवार को हुई इस गोलीबारी के बाद विनय त्यागी को गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था। बीते दो दिनों से वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर था, लेकिन आज सुबह उसने दम तोड़ दिया।
विनय त्यागी एक कुख्यात अपराधी था, जिसका नेटवर्क उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र तक फैला हुआ था। गिरफ्तारी से पहले वह अलग-अलग राज्यों में छिपकर पुलिस को चकमा देता रहा। त्यागी के खिलाफ हत्या, रंगदारी, हथियार तस्करी और अपहरण समेत करीब 60 आपराधिक मामले दर्ज थे।
बेहद कम उम्र में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे अपने गिरोह को मजबूत करते हुए कई राज्यों तक फैलाया। बताया जाता है कि वह एक राज्य से दूसरे राज्य में हथियारों की सप्लाई भी करता था और उसके गिरोह में दो दर्जन से अधिक लोग शामिल थे।
उत्तराखंड के कुख्यात माफिया डॉन विनय त्यागी की मौत के बाद उसके परिवार ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि विनय को जानबूझकर मरवाया गया ताकि वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी के सामने बड़े खुलासे न कर सके। विनय की बहन सीमा त्यागी ने आरोप लगाया कि पेशी के दौरान उसके भाई पर हुआ हमला पूरी तरह से साजिश के तहत किया गया था।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर में कॉलेज में घुसकर छात्र की हत्या, एसएसपी से मां बोली-जान के बदले जान चाहिए
सीमा त्यागी ने इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका को संदिग्ध करार दिया है और उनका दावा है कि पुलिस ने जानबूझकर विनय को बचाने की कोशिश नहीं की, बल्कि यह घटना एक सुनियोजित हत्या का हिस्सा थी। उनका आरोप है कि पुलिस ने इस हमले में ठेकेदार की मदद की, जिससे वह बच सके और उसके खिलाफ कोई भी कार्रवाई न हो सके।