ऑपरेशन कालनेमि के तहत पकड़े जा रहे फर्जी साधु, फोटो- सोशल मीडिया
Operation Kalanemi: उत्तराखंड पुलिस ने राज्यभर में चल रहे ऑपरेशन कालनेमी के तहत अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर फर्जी बाबा बनकर लोगों को धोखा देने, छलपूर्वक धार्मिक रूपांतरण कराने और फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। गिरफ्तार लोगों में कुछ बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं जो वर्षों से राज्य में अवैध रूप से रह रहे थे।
यह अभियान उत्तराखंड सरकार की ओर से चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य राज्य की धार्मिक पवित्रता को बनाए रखना और फर्जी साधु-संतों के नेटवर्क को खत्म करना है। देवभूमि कहे जाने वाले इस प्रदेश में हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें बाबाओं की आड़ में लोग ठगी और धर्मांतरण जैसे अपराधों में लिप्त पाए गए।
पुलिस महानिरीक्षक निलेश आनंद भरणे के अनुसार, जुलाई से शुरू हुए इस अभियान के दौरान अब तक 5500 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है। इनमें से 1182 के खिलाफ कार्रवाई की गई, जबकि 14 को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारियां हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल सहित कई जिलों से हुई हैं।
हरिद्वार में सबसे ज्यादा 2704 लोगों की जांच की गई, जहां से तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई। देहरादून में 922 लोगों की जांच के बाद पांच गिरफ्तारियां हुईं। अन्य जिलों में भी लगातार छापेमारी और पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों में एक बांग्लादेशी मुस्लिम नागरिक भी शामिल है, जो पिछले आठ सालों से देहरादून के सेलाकुई इलाके में बंगाली डॉक्टर अमित कुमार के नाम से रह रहा था। उसके पास फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं। इसके अलावा, कश्मीर के अनंतनाग निवासी इफराज अहमद लोलू को भी गिरफ्तार किया गया है, जो अपनी असली पहचान छिपाकर ‘दिल्ली का अमीर बिजनेसमैन राज आहूजा’ बनकर महिलाओं को धोखा दे रहा था।
इस ऑपरेशन को ‘कालनेमी‘ नाम देने के पीछे भी एक प्रतीकात्मक कारण है। कालनेमी रामायण का एक पात्र था, जो राक्षस होते हुए साधु का रूप धरकर हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने से रोकने की कोशिश करता है। बाद में यही पात्र महाभारत में कंस के रूप में जन्म लेता है। इसी मिथकीय चरित्र के आधार पर पुलिस ने उन लोगों को निशाना बनाने का संकल्प लिया है, जो साधु का भेष धरकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें: ‘जर्सी गाय’ से तेजस्वी यादव के पत्नी की कर डाली तुलना! अपने ही पार्टी के पूर्व विधायक के बिगड़े बोल
पुलिस का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और फर्जी बाबाओं, धोखाधड़ी से धर्मांतरण कराने वालों व पहचान छिपाकर रहने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।