केशव प्रसाद मौर्य (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: यूपी में योगी सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है। विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए योगी सरकार दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वहीं कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। साथ ही चर्चा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की ख्वाहिश भी पूरी होने वाली है!
सूत्रों की मानें तो इस मंत्रिमंडल विस्तार में मिल्कीपुर के चंद्रभान पासवान और मुरादाबाद के रामवीर सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मंत्रिमंडल विस्तार फरवरी के आखिरी हफ्ते में हो सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा ने 98 में से 70 जिलों में जिला अध्यक्षों के नाम फाइनल कर दिए हैं।
आलाकमान के निर्देश पर तावड़े ने शुक्रवार को पार्टी की प्रदेश इकाई के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक रविवार तक हरी झंडी मिलने के बाद सूची जारी की जा सकती है। संगठन के चुनाव के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो जाएगा।
तावड़े ने शुक्रवार को संगठन विस्तार और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ, संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से चर्चा की।
बीजेपी में मौजूद सूत्रों के मुताबिक इस कैबिनेट विस्तार में केशव प्रसाद मौर्य को उनका पुराना पोर्टफोलियो वापस दिया जा सकता है। 2017 से 2022 तक केशव यानी सीएम योगी के पहले कार्यकाल में लोक निर्माण विभाग केशव प्रसाद मौर्य के पास था। लेकिन 2022 चुनाव के बाद दूसरे कार्यकाल में यह विभाग जितिन प्रसाद के पास चला गया।
योगी 2.0 की कैबिनेट में केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम के पद के साथ ग्राम विकास एवं समग्र विकास, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रभार दे दिया गया था। 2024 लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद सांसद बन गए। उन्हें केन्द्रीय मंत्रालय में जगह मिल गई और यह विभाग खाली हो गया। तब से केशव प्रसाद मौर्य पीडब्ल्यूडी विभाग की ख्वाहिश पाले हुए हैं। जो कि फिलहाल सीएम योगी के पास है।
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वहीं, अब यह कहा जा रहा कि केशव की ख्वाहिश पूरी होने वाली है। पिछले साल जुलाई में केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी के बीच तना-तनी भी सामने आई थी। जिसके बाद एक-एक कर दोनों नेताओं को आलाकमान ने दिल्ली तलब भी किया था। इस तनानतनी के नेपथ्य में सियासी पंडितों के एक धड़े ने सीएम की कुर्सी को वजह बताया तो दूसरे ने पीडब्ल्यू डी विभाग को कलह का कारण करार दिया था।