बृजभूषण शरण सिंह (डिजाइन फोटो)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में लंबा वक्त बीत जाए और कोई बड़ा राजनैतिक उलटफेर न दिखाई दे, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। अब एक बार फिर सूबे की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है। जिसका इशारा मिल चुका है। बीजेपी के पूर्व सांसद के हालिया इंटरव्यू से निकले इस इशारे ने सियासी हल्कों में एक भूचाल सा ला दिया है।
क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा कहा जाता है, लेकिन राजनीति के खेल में अनिश्चितताएं क्रिकेट से भी कहीं अधिक देखने को मिलती हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी कुछ ऐसा माहौल दिख रहा है। माना जा रहा है कि यहां एक बड़ा उलटफेर होने वाला है। इस उलटफेर की अटकलबाजी के नेपथ्य में पूर्व बीजेपी सांसद का एक बयान है।
दरअसल, यूपी की कैसरगंज सीट से पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में राजनीति के बदलते रूप को लेकर अपना अब दर्द बयां किया। बृजभूषण शरण ने कहा कि अब तो राजनीति का तरीका बदल गया है। अपने हाथ में कुछ नहीं है और न ही किसी पर मेरे फोन का कोई असर है। दुर्भाग्य है कि अब विधायकों को कई कार्य कराने के लिए डीएम का पैर पकड़ना पड़ता है। अब विधायकों की हैसियत प्रधानों जैसी भी नहीं है।
इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों को बुरा लगेगा लेकिन मैं विपक्ष का सांसद था और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। मैं मिलने के लिए गया वो लिफ्ट में बैठ चुके थे। जैसे उन्होंने देखा तो लिफ्ट को रोककर बाहर आ गए।
पूर्व सासंद ने आगे कहानी बयां करते हुए कहा कि उन्होंने हमसे पूछा कि चिट्ठी लाए हो? तो हमने उनको दो चिट्ठियां पकड़ा दीं। एक काम थोड़ा टिपिकल था दूसरा होने वाला था। शाम को 4 बजे मैं चिट्ठी देकर आया और साढ़े चार बजे डीएम का फोन आ गया कि आपका काम हो गया है। बृजभूषण के इस बयान के बाद ही सियासी गलियारों में हलचल मच गई।
बृजभूषण शरण सिंह के इस बयान को सपा समर्थक तेजी से शेयर कर रहे हैं। इसके साथ ही यह भी कह रहे हैं कि यूपी का क्षत्रिय समाज कल भी हमारा बड़ा भाई था और आज भी हमारा बड़ा भाई है। जिसे लेकर कहा जा रहा है कि सपा रामजी लाल सुमन के राणा सांगा रिमार्क से हुए नुकसान की भरपाई कर रही है।
उत्तर प्रदेश क्षत्रिय समाज कल भी हमारा बड़ा भाई था आज भी हमारा बड़ा भाई है।
जब तक सूरज चांद रहेगा, पूज्य नेताजी आप का नाम रहेगा
पूज्य नेताजी अमर रहे,अमर रहे।🙏 pic.twitter.com/gKZiWHePTR— Pramod Singh Yadav .Advocate (@YadavPramod169) April 18, 2025
दूसरी तरफ एक चर्चा यह भी है कि बृजभूषण शरण सिंह ने यूं ही नेताजी की शान में कसीदे नहीं पढ़ें हैं। वह बीजेपी से किनारे किए जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह सपा में संभावनाएं तलाश रहे हैं। हो सकता है कि जल्द ही वह बीजेपी का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी की साईकिल पर सवार हो जाएं।
राजनीति से जुड़ी सभी रोचक ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हालांकि यह केवल चर्चाएं और अटकलें हैं। क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को भले ही बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया लेकिन उनके लड़के करण भूषण सिंह सिंह कैसरगंज से बीजेपी सांसद बने। इसके अलावा दूसरे बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा से भाजपा के विधायक हैं। लेकिन एक सच यह भी है कि राजनीति में कुछ भी संभव है!