मोदी के भरोसेमंद...योगी के गढ़ में पकड़, कौन हैं पंकज चौधरी? जो बनने जा रहे हैं UP BJP अध्यक्ष!
UP BJP President Pankaj Chaudhary: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही अटकलें अब लगभग समाप्त हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स लगातार संकेत दे रहे हैं कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय माना जा रहा है। औपचारिक घोषणा बस होना बाकी है। गोरखपुर से सटे महाराजगंज के इस 7 बार के सांसद को लेकर पार्टी संगठन और रणनीतिकारों के बीच मजबूत सहमति नजर आ रही है।
पंकज चौधरी 13 दिसंबर को बीजेपी के नए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले हैं। पार्टी इस बार यूपी अध्यक्ष की ताजपोशी को एक बड़े इवेंट के रूप में पेश करना चाहती है। पार्टी नियमों के अनुसार 14 दिसंबर की दोपहर यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर मतदान भी हो सकता है, लेकिन कहा जा रहा है कि पंकज चौधरी के खिलाफ कोई नामांकन नहीं करेगा और वे निर्विरोध चुने जाएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं पंकज चौधरी किस जाति से आते हैं और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है।
पंकज चौधरी कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो पूर्वांचल के सबसे प्रभावशाली OBC समुदायों में गिनी जाती है। यूपी में बीजेपी का कोर नॉन-यादव OBC वोट बैंक इन्हीं वर्गों पर आधारित है, ऐसे में पार्टी अब इस सोशल इंजीनियरिंग को दोबारा मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
PM मोदी के साथ पंकज चौधरी
2024 लोकसभा चुनाव में यूपी में सीटों में आई गिरावट के बाद बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है कि कुर्मी, लोधी और अन्य OBC समूहों को फिर से संगठन का केंद्र बनाया जाए। यूपी बीजेपी में इससे पहले तीन बार कुर्मी समाज के नेता प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, विनय कटियार, स्वतंत्र देव सिंह और ओम प्रकाश सिंह। अगर पंकज चौधरी के नाम पर मुहर लगती है तो वे चौथे ऐसे नेता होंगे।
2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में केवल 33 सीटें मिलीं, जो 2019 के मुकाबले काफी कम थीं। विश्लेषण में सामने आया कि कुर्मी, लोधी और गैर-यादव OBC वोटों का बड़ा हिस्सा PDA रणनीति के तहत सपा की ओर शिफ्ट हुआ।
2024 में 11 कुर्मी सांसद चुने गए, जिनमें 3 BJP से और 7 सपा से थे। बीजेपी नहीं चाहती कि कुर्मी वोटों में यह बंटवारा आगे भी जारी रहे। 2026 के निकाय चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव में OBC वोट बैंक का मजबूत समर्थन बेहद अहम है। ऐसे में पंकज चौधरी का चेहरा भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से सबसे उपयुक्त माना जा रहा है।
पंकज चौधरी की ताकत केवल उनकी जातीय पकड़ तक सीमित नहीं है। पार्टी में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी नेता माना जाता है। इसका बड़ा उदाहरण 2023 में देखने को मिला, जब पीएम मोदी अपने गोरखपुर दौरे के दौरान अचानक उनके आवास पहुंचे थे। बीजेपी के भीतर इस घटना को आज भी उनकी राजनीतिक पकड़ का बड़ा संकेत माना जाता है।
पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। वे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आते हैं। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद चौधरी और माता का नाम उज्ज्वल चौधरी है। उनकी माता महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं, जिससे उन्हें बचपन से राजनीति का माहौल मिला। उनका परिवार जमींदार पृष्ठभूमि से रहा है।
पंकज चौधरी
पंकज चौधरी के परिवार में उनकी पत्नी भाग्यश्री चौधधरी और दो बच्चे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा जमीनी स्तर से शुरू हुई। 1989 में वे गोरखपुर नगर निगम के पार्षद बने। एक साल बाद 1990 में उन्हें डिप्टी मेयर बनाया गया। इसी दौरान वे बीजेपी की वर्किंग कमेटी में शामिल हुए और संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई।
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1991 में पहली बार पंकज चौधरी महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में कुल 7 बार जनता ने उन्हें संसद पहुंचाया। महाराजगंज की राजनीति में उनकी पकड़ लगातार मजबूत बनी रही है। 2021 में उन्हें मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया और 2024 में एक बार फिर यह जिम्मेदारी सौंपी गई। वित्त मंत्रालय जैसे अहम विभाग में लगातार मौका मिलना उनके बढ़ते राजनीतिक कद का साफ संकेत देता है।
प्रदेश नेतृत्व को OBC कैनवास पर मजबूत करने, पूर्वांचल में भाजपा की स्थिति सुधारने और संगठन में नए चेहरे को आगे लाने तीनों नजरियों से पंकज चौधरी बीजेपी की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। ऐसे संकेत लगातार मिल रहे हैं कि UP BJP के नए अध्यक्ष के रूप में उनके नाम की घोषणा अब बस समय की बात है।