UP बीजेपी अध्यक्ष चुनाव से बड़ा संदेश (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Politics News: उत्तर प्रदेश की सियासत में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही उनका सबसे भरोसेमंद चेहरा हैं। तमाम अटकलों और कयासों पर विराम लगाते हुए पार्टी ने 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए योगी के नेतृत्व पर मुहर लगा दी है। राज्य की कानून-व्यवस्था पर उनकी सख्त पकड़ और विकास के रिकॉर्ड को देखते हुए नेतृत्व ने यह कड़ा संदेश दिया है कि प्रदेश में योगी का कोई विकल्प नहीं है। यह फैसला विरोधियों के साथ-साथ अपनों के लिए भी एक बड़ा संकेत है।
बीजेपी ने संगठन की कमान एक ओबीसी नेता को सौंपने की तैयारी कर ली है जो एक तीर से कई निशाने साधने जैसा है। अगर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी सामान्य वर्ग के नेता को दी जाती तो इसका मतलब यह निकाला जाता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर खतरा है क्योंकि सत्ता और संगठन दोनों अगड़ों के पास नहीं रह सकते। लेकिन ओबीसी को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने संतुलन भी साधा है और यह भी बता दिया है कि सरकार की बागडोर योगी आदित्यनाथ के ही पास रहेगी।
यह सच है कि योगी की कार्यशैली को लेकर पार्टी के भीतर कुछ लोग खफा हैं। 2024 के लोकसभा नतीजों के बाद दबी जुबान में उनके खिलाफ आवाजें उठीं और नेतृत्व परिवर्तन तक की मांग की गई। तर्क दिया गया कि उनकी सख्ती से कुछ वर्ग नाराज हुए हैं। लेकिन आलाकमान का मानना है कि योगी की कठोर प्रशासक की छवि और हिंदुत्व के चेहरे के साथ छेड़छाड़ करना पार्टी के हित में नहीं होगा। वे आज भी पार्टी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक और कार्यकर्ताओं की पहली पसंद बने हुए हैं।
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कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी को संगठन की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला क्षेत्रीय समीकरणों को नए सिरे से साधने की कोशिश है। हालांकि इससे सत्ता और संगठन दोनों का केंद्र पूर्वांचल हो गया है क्योंकि योगी और पंकज चौधरी दोनों इसी क्षेत्र से आते हैं। प्रधानमंत्री भी वाराणसी से हैं। ऐसे में पश्चिम और मध्य यूपी को साधने के लिए जल्द ही योगी कैबिनेट में बड़े फेरबदल की तैयारी है ताकि 2027 में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान पूरी तरह तैयार हो सके।