
शाहजहांपुर ट्रेन हादसा, फोटो- सोशल मीडिया
Shahjahanpur Train Accident: यूपी के शाहजहांपुर में एक रोंगटे खड़े कर देने वाला हादसा हुआ है, जहां नियमों को ताक पर रखकर रेलवे पटरी पार करना एक परिवार के लिए काल बन गया। बुधवार शाम को एक ही बाइक पर सवार पांच लोग ‘गरीब रथ एक्सप्रेस’ की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
यह हृदयविदारक घटना शाहजहांपुर के रोजा जंक्शन के पास वरिष्ठ खंड अभियंता रेल पथ कार्यालय के सामने घटी। लखीमपुर खीरी निवासी हरिओम अपने साढ़ू सेठपाल, उनकी पत्नी पूजा और दो मासूम बच्चों- 5 वर्षीय सूर्यांश और 1.5 वर्षीय निधि के साथ बुध बाजार से खरीदारी कर लौट रहे थे। गंतव्य तक पहुंचने के लिए उन्हें ओवरब्रिज का रास्ता अपनाना चाहिए था, जिसमें महज 10 मिनट का समय लगता। लेकिन हरिओम ने समय बचाने के लिए बाइक को सीधे रेल पटरियों पर उतार दिया।
शाम करीब 6:15 बजे, जब बाइक पटरियों के बीच बने सीमेंटेड हिस्से पर थी, तभी अमृतसर से सहरसा जा रही ‘गरीब रथ एक्सप्रेस’ वहां से गुजरी। चूंकि यह ट्रेन रोजा जंक्शन पर नहीं रुकती, इसलिए इसकी गति काफी तेज थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक सवार पांचों लोगों के शरीर के चिथड़े उड़ गए और अवशेष 200 मीटर दूर तक बिखर गए। इंजन में फंसी बाइक के पुर्जे आधा किलोमीटर दूर जाकर गिरे। बाद में, परिजनों ने कपड़ों के टुकड़ों और बाइक की नंबर प्लेट से शवों की शिनाख्त की।
इस हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खोल दी है। घटनास्थल पर अवैध रूप से पटरियों को पार करना आम बात है, लेकिन इसे रोकने के लिए आरपीएफ (RPF) या जीआरपी (GRP) का कोई भी जवान वहां तैनात नहीं था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मनाही के बावजूद लोग अक्सर यहां से जान जोखिम में डालकर निकलते हैं, पर रेल अधिकारियों ने कभी इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं की। फिलहाल, रेल अधिकारी इस मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।
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पांच लोगों की मौत के बाद परिवार में चीख पुकार मच गई। मौके पर मौजूद लोग भी वहां का मंजर देखकर सिहर उठे। लोगों के मुंह से केवल एक ही बात सुनाई दे रही थी कि समय बचाने के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए था। अब पांचों लोगों के साथ हुए इस हादसे के बाद लोग रेलवे को कोस रहे हैं जबकि अवैध रूप से पटरियों को ना पार करने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार अपील होती रहती है।






