योगी आदित्यनाथ (फोटो- सोशल मीडिया)
प्रयागराजः महाकुंभ 2025 में ऐसे कई लोग हैं जिनका पूरे जीनव संघर्ष समाप्त हो गया। ऐसे कई लोग हैं, जो चर्चा में आए और सोशल मीडिया स्टार बन गए। वहीं अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नाविक कहानी विधानसभा में बताई है। उन्होंने समाजवादी पार्टी द्वारा नाविकों के शोषण के दावों का खंडन किया।
यूपी राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा एक नाविक परिवार ने 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में हुए समागम के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। उन्होंने कहा कि “एक नाविक के परिवार’ जिसके पास 130 नावें थीं। उसने महाकुंभ के दौरान केवल 45 दिनों में कुल 30 करोड़ रुपये कमाए हैं। इसका मतलब है कि प्रत्येक नाव ने 45 दिनों में 23 लाख रुपये कमाए, जो कि लगभग 50,000-52,000 रुपये प्रतिदिन है।
सीएम योगी ने कहा कि 27 फरवरी को प्रयागराज की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। पूजा-अर्चना की और महाकुंभ में शामिल सभी लोगों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आगे गंगा नदी की सफाई में भी भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ के दौरान विभिन्न कार्यकर्ताओं के अमूल्य योगदान को भी मान्यता दी गई। उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्होंने आयोजन के सुचारू संचालन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, मैंने नाविकों, पुलिस कर्मियों और सुरक्षा कर्मचारियों से बातचीत की, जिन्होंने महाकुंभ की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया।।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2025-26 का राज्य बजट भी पेश किया, जिसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया गया, जो उनकी सरकार का नौवां आम बजट है। अपने संबोधन में सीएम योगी ने 2017 से समावेशी विकास और वृद्धि पर राज्य के लगातार फोकस पर प्रकाश डाला, जबकि विपक्ष पर जनता को धोखा देने के लिए वोट बैंक की राजनीति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
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सीएम योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “इस सरकार ने हमेशा लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी है, खासकर उन लोगों के जो वंचित हैं। हमारे लिए वोट बैंक सिर्फ एक साधन नहीं है यह एक विरासत है।” सीएम योगी के अनुसार, 2025-26 का बजट समाज के सबसे कमजोर वर्गों को समर्थन देने की थीम पर जारी है। उन्होंने बताया, “2017-18 में हमारा पहला बजट किसानों पर केंद्रित था और आज किसान संतुष्ट हैं, आत्महत्याएं रुक गई हैं।