राहुल गांधी सौ. सोशल मीडिया
लखनऊ: उत्तरप्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में सियासत गर्म होती जा रही है। इलाहाबाद के फैसले के बाद लगातार विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी भर्ती घोटाले को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंन इस मामले पर भाजपा को आरोक्षण विरोधी बताया है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि यूपी का 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता का सबूत है। बेसिक शिक्षा नियमावली, 1981 और आरक्षण नियमावली, 1994 को ताक पर रख कर भाजपा सरकार ने दलितों और पिछड़ों का हक़ उनसे छीन लिया। पीड़ित छात्र मुझसे मिले और बताया कि इस भर्ती में OBC वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला और SC वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण मिला।
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि यह अनियमितता लगभग 19 हज़ार पदों से जुड़ी है और मूल सूची न बनाना इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाता है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बाद जिन 6,800 अभ्यर्थियों की लिस्ट निकाली गई। वह भी दो वर्षों से नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आरक्षण प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ एक गंभीर विषय है। अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे इन युवाओं को मेरा समर्थन है, इस पूरे मामले की जांच हो और इन्हें न्याय मिले।
यूपी का 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाला भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता का सबूत है।
बेसिक शिक्षा नियमावली, 1981 और आरक्षण नियमावली, 1994 को ताक पर रख कर भाजपा सरकार ने दलितों और पिछड़ों का हक़ उनसे छीन लिया।
पीड़ित छात्र मुझसे मिले और बताया कि इस भर्ती में OBC वर्ग को 27% की जगह… pic.twitter.com/w428earQGs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 21, 2024
इससे पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय की एकल और खंडपीठ ने सरकार के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है, सच तो यह है कि सरकार के वे मंत्री जो आज अदालत के फैसले को सही बता रहे हैं, वे भी अभ्यर्थियों के साथ हुए अन्याय पर चुप थे।
यह भी पढ़ें- भारतीय जनता पार्टी 1 सिंतबर से चलाएगी देशव्यापी सदस्यता अभियान, संगठन की बैठक के बाद हुआ ऐलान
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत राज्य में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जून 2020 में जारी चयन सूची व 6,800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं।
एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के ही 6,800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्रपाल व अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल की गईं 90 विशेष अपील को एक साथ निस्तारित करते हुए संबंधित फैसला सुनाया।
एजेंसी इनपुट के साथ